यूपी चुनाव 2022: उत्तर प्रदेश में चुनाव नजदीक आते ही सरगर्मियां काफी तेज हो गयी है, प्रदेश मे मौसम भले ही ठंड का है, लेकिन चुनावी तापमान बढ़ा हुआ है। उत्तर प्रदेश चुनाव में मैनपुरी एक बार फिर सुर्खियों में आ गयी है । इसका कारण यह है कि मुलायम की कर्मभूमि पर सूरमाओं की फौज चुनावी दंगल में ताल ठोंक रही है।
समाजवादी पार्टी के लिए करहल विधानसभा सीट सबसे सुरक्षित मानी जाती है। 1993 से लेकर 2017 तक हुए छह विधानसभा चुनाव में पांच बार इस सीट पर सपा काबिज हुई है। 2007, 2012 और 2017 का चुनाव सपा प्रत्याशी सोवरन सिंह यादव ने जीता। 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में सोवरन सिंह यादव ने 38405 वोटों से जीत दर्ज की। उन्हें 104221 वोट मिले, जबकि भाजपा प्रत्याशी रमा शाक्य को 65816 वोट मिले। वह दूसरे नंबर पर रही थीं।
इस बार करहल विधानसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री व सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में हैं। उनके सामने भाजपा ने केंद्रीय राज्यमंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल को बिना टिकट दिए जाने की घोषणा के ही मैदान में उतार दिया है। करहल सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री के आमने-सामने होने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है।
सदर सीट पर भी मुकाबला दिलचस्प है। सपा से जहां राजकुमार यादव ताल ठोक रहे हैं, वहीं भाजपा ने पूर्व मंत्री जयवीर सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है। दोनों ही नेता जीत के लिए जोर-आजमाइश कर रहे हैं। भोगांव विधानसभा सीट पर भी प्रदेशभर की नजर है। मैनपुरी जिले की इस सीट पर भाजपा ने प्रदेश सरकार के आबकारी मंत्री और मौजूदा विधायक रामनरेश अग्निहोत्री को चुनाव मैदान में उतारा हैं तो वहीं सपा ने तीन बार विधायक रहे एवं पूर्व दर्जा राज्यमंत्री आलोक शाक्य को टिकट दी है।
दोनों के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है। जिले की किशनी विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री (उत्तर प्रदेश बाल संरक्षण आयोग के सदस्य) डॉ. प्रियरंजन ‘आशू दिवाकर’ मैदान में हैं। उनकी टक्कर सपा के वर्तमान विधायक बृजेश कठेरिया से है।
