सरकार ने कहा कि कोविशील्ड टीके की दो खुराक के बीच अंतराल में तत्काल बदलाव के मामले में हड़बड़ी की जरूरत नहीं है. समयावधि बढ़ाने के लिए भारतीय परिप्रेक्ष्य में उचित वैज्ञानिक अध्ययन की जरूरत होगी. कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच अंतर को थोड़ा कम करने की वकालत करने वाले कुछ अध्ययनों की खबरों के संदर्भ में नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वीके पॉल ने कहा कि इस तरह की चिंताओं पर संतुलित रुख की जरूरत है.बता दे, देश में सरकार ने पिछले महीने ही कोवीशील्ड के दो डोज के बीच का गैप बढ़ाकर 12-16 हफ्ते किया है। इससे पहले यह गैप 6 से 8 हफ्ते था। इससे पहले यह यह गैप 28 दिन का था।

दो डोज के बीच गैप बढ़ाने को लेकर सरकार का कहना है कि इससे वैक्सीन का असर बढ़ जाता है।पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड की ओर से जारी एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कोविशील्ड वैक्‍सीन की पहली डोज के बाद मिलने वाली सुरक्षा उम्मीद से कम हो सकती है इसलिए वैक्सीन की दोनों डोज के बीच के अंतर को कम करना बेहद जरुरी है। उत्तरी आयरलैंड में इस अंतर को 10-12 सप्ताह से घटाकर 8 सप्ताह कर दिया गया है।

इस पूरे मामले पर अब नीति आयोग के सदस्य पॉल ने कहा, ‘खुराकों के बीच अंतराल तत्काल बदलने की जरूरत की बात करने में हड़बड़ी की आवश्यकता नहीं है. इस तरह के फैसले बहुत सावधानी से लिये जाने चाहिए. हमें याद रखना चाहिए कि जब हमने अंतराल बढ़ाया तो हमें उन लोगों को वायरस से होने वाले जोखिम पर विचार करना पड़ा जिन्होंने केवल एक खुराक ली थी. लेकिन उसका भी जवाब था कि कई और लोगों को पहली खुराक मिल जाएगी और इस तरह अधिक लोगों की एक सीमा तक प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा जाएगी.’

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