उत्तराखंड में नया राजनीतिक संकट आ गया है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की पेशकश की है. तीरथ सिंह रावत ने संवैधानिक संकट को इस्तीफे की पेशकश की वजह बताया है. तीरथ सिंह रावत ने पत्र में कहा है कि article 164 A के हिसाब से उन्हें मुख्यमंत्री बनने के बाद छह महीने में विधानसभा का सदस्य बनना था लेकिन article 151 कहता है अगर विधानसभा चुनाव में एक वर्ष से कम का समय बचता है तो वहां पर उपचुनाव नहीं कराए जा सकते हैं इसलिए मैं उत्तराखंड में संवैधानिक संकट ना खड़ा हो इसलिए मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफ़ा देना चाहता हूं.
गौरतलब है कि पिछले दिनों तीरथ सिंह रावत को दिल्ली तलब किया गया था उस वक्त उन्होंने जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. उस वक्त से ही इस बात का अंदेशा जताया जाने लगा था कि प्रदेश में मुख्यमंत्री बदल सकता है. तीरथ सिंह रावत ने मार्च महीने में त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफा देने के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली थी, वे गढ़वाल से भाजपा के सांसद थे. तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बने अभी चार महीने भी नहीं हुए हैं और उन्होंने इस्तीफे की पेशकश कर दी है. उन्हें मुख्यमंत्री बने रहने के लिए छह माह के अंदर प्रदेश के किसी भी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतना जरूरी है, लेकिन प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने की वजह से ऐसा होना संभव नहीं दिख रहा है, संभवत: इसलिए उन्होंने इस्तीफे की पेशकश की है.