यूपी: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में देश का आम बजट पेश कर दिया है। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का ये पहला बजट था और इसपर पूरे देश की नजर थी। केंद्रीय बजट में यूपी के हाईवे और सड़कों के लिए चालू वित्त वर्ष में करीब 40 हजार करोड़ रुपये मिलने की संभावना है। पिछली बार की तुलना में इस बार 15 हजार करोड़ ज्यादा मिले हैं। बजट में ग्रामीण सड़कों पर खास फोकस दिखा। इससे प्रदेश में करीब दो हजार नए ग्रामीण मार्ग बन सकेंगे।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों का मानना है कि सड़कों को दिए गए बजट में वर्ष 2047 का विजन साफ झलक रहा है। उत्तर प्रदेश में मौजूदा समय में 11,737 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग हैं। पिछले वित्त वर्ष में यूपी में हाईवे के विकास के लिए केंद्र से 25 हजार करोड़ रुपये मिले थे। राज्य सरकार की संस्तुति पर 50 से ज्यादा राज्य मार्गों को राष्ट्रीय राजमार्ग का दर्जा दिया गया है। केंद्रीय बजट में पिछले साल के मुकाबले 15 हजार करोड़ ज्यादा बजट मिलने से नए राष्ट्रीय राजमार्गों का विकास हो सकेगा।
केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) का चौथा चरण शुरू करने का एलान किया है। योजना के लिए पात्र ग्रामीण बसावटों में सड़कों का निर्माण कराया जाएगा। इस दायरे में प्रदेश की दो हजार नई सड़कें आएंगी। यूपी में 250 से अधिक आबादी वाली बसावटों और एक किमी या ज्यादा लंबी सड़कों को नाबार्ड की मदद से बनाया जा रहा है। एक किमी से कम लंबी सड़कों को पंडित दीनदयाल उपाध्याय योजना के तहत बनाया जा रहा है। शासन के अधिकारियों का कहना है कि पीएमजीएसवाई के चौथे चरण से प्रदेश में ग्रामीण सड़कों का दायरा बढ़ाने में मदद मिलेगा। इससे स्थानीय लोगों को आवागमन में आसानी होगी। पीएमजीएसवाई के तहत प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों की 2000 नई सड़कों के निर्माण का रास्ता भी साफ हो गया है।