अयोध्या में दीपोत्सव: अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद 30 अक्टूबर को होने वाले आठवें दीपोत्सव को भव्य बनाने में यूपी सरकार कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहती। इसलिए दिवाली पर होने वाले दीपोत्सव के लिए अयोध्या को सजाने का काम तेज कर दिया गया है। 25 अक्तूबर तक इसका काम पूरा कर लिया जाएगा। इस बार ऑनलाइन दीपदान की भी व्यवस्था बनाई जा रही है। अयोध्याधाम में दो किलोमीटर तक दीपोत्सव की आभा बिखरती नजर आएगी। रामपथ से लेकर धर्मपथ तक भव्य लाइटिंग की जा रही है। रामायण युग का अहसास कराते गेट भी बनाए जा रहे हैं। राम की पैड़ी पर लक्ष्मण व सीता द्वार का निर्माण अंतिम चरण में है। 25 अक्तूबर तक अयोध्याधाम को सजाने का काम पूरा कर लिया जाएगा।
विकास प्राधिकरण की ओर से दीपोत्सव-2024 के अवसर पर एक दीया प्रभु श्री राम के नाम कार्यक्रम का शुभारंभ किया जा रहा है। 30 अक्तूबर को दीपोत्सव का आयोजन होना है। देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु इस महोत्सव में शामिल होने आएंगे। बहुत से श्रद्धालु इस महापर्व पर नहीं आ पाते, इसलिए इस कार्यक्रम में देश-विदेश में बैठे श्रद्धालु ऑनलाइन माध्यम से अपने स्वेच्छानुसार राशि दान स्वरुप दे सकेंगे। देश-विदेश के श्रद्धालु अयोध्या में होने वाले दीपोत्सव का हिस्सा बन सकते हैं, जिसके प्रतिफल में उन्हें प्रसाद भी भेजा जाएगा। प्रसाद को उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की ओर से निर्मित किया जाएगा। दिव्य अयोध्या डॉट कॉम लिंक पर जाकर इच्छुक श्रद्धालु दान कर सकते हैं।
दीपोत्सव में छह देशों की रामलीला का भी आयोजन किए जाने की तैयारी है। हालांकि अभी इसकी रूपरेखा तैयारी नहीं हो सकी है। विभिन्न प्रदेशों के करीब 600 कलाकारों अपने-अपने प्रदेशों की लोक संस्कृतियों की प्रस्तुतियां देंगे। इसके अलावा अयोध्या में जगह-जगह सांस्कृतिक मंच भी सजेंगे। रामपथ और धर्मपथ के साथ लगभग दो किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में भव्य लाइटिंग की व्यवस्था के लिए तैयारी की जा रही है। डेकोरेटिव वॉल, इलेक्ट्रिक गेट और आर्टिफिशियल इलेक्ट्रिक लाइटों से पिलर को तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा रामकथा आधारित करीब 30 प्रवेश तोरण द्वार भी धर्मपथ से लेकर रामकथा पार्क तक बनाए जाएंगे। इन पर रामकथा के दृश्य दिखाए जाएंगे। सरयू के घाटों पर भी भव्य तोरण द्वार बनाए जाएंगे जो घाटों की आभा बढ़ाएंगे। दीपोत्सव में सरयू के पुराने पुल पर आतिशबाजी भी की जाएगी।
लंका विजय कर 14 वर्ष के बाद अयोध्या लौटे श्रीराम के स्वागत में अयोध्या जिस आनंद में लीन थी, उनके अभिनंदन में अयोध्या को जिस तरह सजाया-संवारा गया था, कुछ उसी तरह के दृश्य जीवंत करने में शासन-प्रशासन जुट गया है। दीपोत्सव में अयोध्या पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को कदम-कदम पर रामायण युग का अहसास होगा।