श्रीलंका: श्रीलंका में हालात इतने खराब हो गए हैं कि एंबुलेंस चलाने के लिए भी डीजल-पेट्रोल नहीं बचा है। एंबुलेंस सेवा ने जनता से कॉल न करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि हम सेवा देने में असमर्थ हैं। लोगों को एक वक्त का खाना भी अच्छे से नहीं मिल पा रहा है। खाने-पीने वाले उत्पादों के दाम कई गुना बढ़ चुके हैं। दाल की कीमतें तीन गुना बढ़ चुकी हैं। हालात इतने नाजुक हैं कि यहां भुखमरी और कुपोषण जैसे हालात पैदा हो रहे हैं। श्रीलंका में ईंधन की कमी के चलते लोग पेट्रोल पंपों पर कतार में लगे रहते हैं। बड़ी संख्या में लोग अपने दैनिक आवागमन में कार-बाइक छोड़कर साइकिल पर आ गए हैं।
इस बीच संकटग्रस्त श्रीलंका के राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे देश छोड़कर भाग गए हैं। वह भागकर मालदीव पहुंचे हैं। वह किस तरह भागने में कामयाब रहे, अभी इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। हाल ही में राष्ट्रपति भवन पर प्रदर्शनकारियों के कब्जे के बाद राजपक्षे यहां से भागकर किसी अज्ञात जगह चले गए थे।
उनके इस्तीफे का 13 जुलाई यानी आज आधिकारिक एलान होना था। गोतबाया राजपक्षे का हस्ताक्षरित इस्तीफा एक वरिष्ठ अधिकारी को सौंप दिया गया था जो इसे संसद अध्यक्ष को सौंपेंगे। 13 जुलाई को इसकी औपचारिक घोषणा होनी थी। श्रीलंका में सड़क पर विरोध को देखते हुए अब सर्वदलीय सरकार बनने पर मंत्रिमंडल इस्तीफा देगा।
इससे पहले श्रीलंका के पूर्व वित्तमंत्री और राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे के छोटे भाई बासिल राजपक्षे की देश छोड़कर भागने की कोशिश नाकाम रही। बासिल को कोलंबो हवाई अड्डे के वीआईपी टर्मिनल से देश छोड़कर भागने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन एक आव्रजन अधिकारी ने उन्हें पहचान लिया और उनकी यात्रा को क्लीयरेंस देने से इनकार कर दिया। देश में शक्तिशाली राजपक्षे परिवार के खिलाफ जन आक्रोश को देखते हुए 71 वर्षीय बासिल ने पहले ही वित्तमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
