नई तकनीक: उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से यात्रा करने वाले विमान यात्रियों को अब डीजी यात्रा का तोहफा मिलने जा रहा है। जिसका एक फरवरी से तकनीकी परीक्षण हो गया है। इस तकनीक की मदद से यात्रियों एयरपोर्ट टर्मिनल में प्रवेश के लिए कोई भी दस्तावेज दिखाने से आजादी मिल जाएगी। यात्रियों का चेहरा ही उसका पास होगा।
डीजी यात्रा के तहत एयरपोर्ट पर लगाया गया मशीन यात्रियों के चेहरे से ही उनकी पहचान कर उन्हें प्रवेश दे देगा। डीजी यात्रा को सुचारू रूप से चलाया जा सके, इसको ध्यान में रखते हुए एक माह या उससे ज्यादा समय तक तकनीशियनों द्वारा परीक्षण चल रहा है। परीक्षण में खामियां मिलेने पर उसे सुधारने के बाद इसकी रिपोर्ट मुख्यालय को प्रेषित कि जाएगी। मुख्यालय से हरी झंडी मिलने के बाद इसे नियमित रूप से शुरु किया जाएगा।
डीजी यात्रा प्रारंभ होने के बाद विमान से यात्रा करने वाले यात्रियों को बोर्डिंग पास से छुटकारा मिल जाएगा। एयरपोर्ट पर डीजी यात्रा का परीक्षण विमान यात्रियों पर किया जा रहा है। यह सुविधा प्रारंभ होने के बाद विमान यात्री जैसे ही (एफआरटी) मशीन के सामने जाएगा उसके चेहरे को मशीन स्कैन कर लेगी और तुरंत गेट खुल जाएगा। साथ ही जो विमान यात्री इस सुविधा का लाभ नहीं लेना चाहता वह मैनुअली तरीके से भी अपना टिकट बोर्डिंग कार्ड दिखाकर टर्मिनल भवन के भीतर प्रवेश कर सकता है।
वाराणसी, विजयवाड़ा, कोलकाता व पुणे इन चार एयरपोर्ट पर डीजी यात्रा की शुरूआत करने के लिए वर्ष 2018 में ही संकेत दे दिया गया था। उसी समय मुख्यालय से वाराणसी एयरपोर्ट पर पहुंचे अधिकारियों की एक टीम ने सर्वे भी किया था। जिसके बाद एफआरटी मशीन को लगाने की कवायद शुरू हुई। एयरपोर्ट पर यह कार्य बाकी के तीन एयरपोर्ट से पहले हुआ और इसका परीक्षण शुरू करा दिया गया है।
