नौसेना को बड़ी कामयाबी: भारतीय नौसेना ने आज पश्चिमी तट पर भारतीय नौसेना के विध्वंसक आईएनएस विशाखापत्तनम से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया। पश्चिम तट पर तैनात लड़ाकू युद्धपोत आईएनएस विशाखापत्तनम से इसे दागा गया। मिसाइल ने अचूक निशाना साधा। बताया जा रहा है कि मिसाइल के ‘सी-टू-सी’ वेरिएंट का अधिकतम सीमा पर टेस्ट किया गया और इसने सटीक सटीकता के साथ एक जहाज को निशाना बनाया।
नौसेना के सूत्रों ने बताया कि इस मिसाइल का यह समुद्र से समुद्र में मार करने वाला वर्सन था। परीक्षण के दौरान इसने अधिकतम दूरी पर जाकर लक्षित पोत पर सटीक वार किया ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का आईएनएस विशाखापत्तनम से सफल परीक्षण, नौसेना की ताकत में हुआ इजाफा
इसे पनडुब्बी से, पानी के जहाज से, विमान से या जमीन से भी छोड़ा जा सकता है। यह 10 मीटर की ऊँचाई पर उड़ान भर सकती है और रडार की पकड में नहीं आती। ब्रह्मोस युद्धपोतों का मुख्य स्ट्राइक हथियार होगा, जो नौसेना के कई युद्धपोतों पर पहले से ही तैनात है। ब्रह्मोस अमेरीका की टॉम हॉक से लगभग दुगनी अधिक तेजी से वार कर सकती है, इसकी प्रहार क्षमता भी टॉम हॉक से अधिक है।
इसे पनडुब्बी से, पानी के जहाज से, विमान से या जमीन से भी छोड़ा जा सकता है। रूस की एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया तथा भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने संयुक्त रूप से इसका विकास किया है। यह रूस की पी-800 ओंकिस क्रूज मिसाइल की प्रौद्योगिकी पर आधारित है। ब्रह्मोस के समुद्री तथा थल संस्करणों का पहले ही सफलतापूर्वक परीक्षण किया जा चुका है तथा भारतीय सेना एवं नौसेना को सौंपा जा चुका है। ब्रह्मोस भारत और रूस के द्वारा विकसित की गई अब तक की सबसे आधुनिक प्रक्षेपास्त्र प्रणाली है और इसने भारत को मिसाइल तकनीक में अग्रणी देश बना दिया है।