त्रिपुरा: त्रिपुरा मे 14 मई शनिवार शाम अचानक बिप्लब कुमार देब के इस्तीफे के बाद भाजपा ने माणिक साहा नया मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया था। भाजपा विधायक दल की बैठक में माणिक साहा के नाम पर मुहर लगाई गई थी। मणिक साहा त्रिपुरा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं और राज्यसभा सांसद भी हैं।
बिप्लब देब के इस्तीफे के बाद कई नामों की चर्चा चल रही थी, जिनमें माणिक साहा का नाम भी शामिल था। आखिरकार तमाम नेताओं ने साहा को ही विधायक दल का नेता चुना गया। इसके बाद त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री के तौर पर माणिक साहा ने रविवार को शपथ ले ली।
उन्हें राजभवन में राज्यपाल सत्यदेव नारायण राय ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसी के साथ राज्य में करीब साढ़े तीन साल तक चले बिप्लब कुमार देब के शासन का अंत हो गया। पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब समारोह में भाजपा के विधायकों और राज्य के अन्य मंत्रियों के साथ उपस्थित थे।
देब के शनिवार शाम अचानक इस्तीफे के बाद साहा शीर्ष पद पर पहुंचे हैं। शपथ ग्रहण समारोह में केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक भी शामिल हुईं। उपमुख्यमंत्री जिष्णु देव वर्मा और मंत्री राम प्रसाद पॉल ने शनिवार को भाजपा विधायक दल की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री के रूप में साहा की नियुक्ति का विरोध किया था। दोनों शपथ ग्रहण समारोह समाप्त होने के कुछ समय बाद राजभवन पहुंचे।
विपक्षी दल मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के विधायकों ने राज्य में भाजपा के शासन में ‘फासीवादी शैली में हिंसा’ होने का आरोप लगाते हुए समारोह का बहिष्कार किया। माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने त्रिपुरा में परोक्ष तौर पर सत्ता विरोधी लहर से पार पाने और पार्टी पदाधिकारियों के बीच किसी भी तरह के असंतोष को दूर करने के एक प्रयास के तहत सीएम बदलने का यह कदम उठाया है।
