कानपुर: यह शर्मनाक घटना उत्तर प्रदेश के कानपुर की हैं, दस साल की बच्ची से दुष्कर्म के दोषी 65 वर्षीय बुजुर्ग को विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट ने 18 साल कठोर कैद की सजा सुनाई है। साथ ही 30 हजार रुपये का जुर्माना भी किया है। जुर्माने की आधी रकम पीड़िता को दी जाएगी।
जूही क्षेत्र निवासी दस साल की नाबालिग 27 जुलाई 2013 को रात लगभग आठ बजे घर के पास सामान लेने गई थी। उसी दौरान पड़ोसी बनवारी लाल उसे बहलाकर खंडहर में ले गया और दुष्कर्म किया। नाबालिग की चीख सुनकर उसकी मां और पड़ोस के लोग इकट्ठे हो गए थे।
घटना के बाद पीड़िता की मां ने जूही थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। एडीजीसी सुशील कुमार वर्मा ने बताया कि पीड़िता, उसकी मां समेत आठ गवाह कोर्ट में पेश किए गए। अपराधी बनवारी लाल मलिन बस्ती सुधार समिति का पदाधिकारी भी था। उसने कोर्ट में तर्क रखा था कि उसने बस्ती में सुधार के लिए कई कोशिशें की थीं।
अफसरों को ज्ञापन भी दिए थे। इसी के चलते रंजिशन झूठा फंसा दिया गया। कोर्ट ने माना कि अभियुक्त को फंसाने के लिए कोई मां अपनी बेटी और परिवार का जीवन बर्बाद नहीं कर सकती। वहीं नाबालिग से दुष्कर्म को जघन्य अपराध मानते हुए बचाव पक्ष की अभियुक्त के बुजुर्ग होने पर रहम करने की भी अपील की लेकिन विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट राजवीर सिंह ने खारिज कर दी।
