वाराणसी: उत्तर प्रदेश में शहर के सरकारी अस्पतालों की हालात उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के विभाग संभालने के बाद भी ठीक नहीं हुए है l उत्तर प्रदेश में अस्पतालों मे व्याप्त अव्यवस्थाओं और लापरवाही के चलते हर कदम पर मिलने वाले मरीजों की दर्द पर मरहम लगाने के लिए अब अस्पतालों की राज्य मुख्यालय की तीसरी आंख से निगरानी होगी।
शासन की इस पहल से जहां ओपीडी, वार्ड में चिकित्सकों, कर्मचारियों की समय पर उपस्थिति सुनिश्चित होगी, वहीं इसका लाभ मरीजों को मिलेगा। सरकारी अस्पतालों में पहले से लगे क्लोज सर्किट कैमरों को दुरुस्त करने के साथ इनकी संख्या भी बढ़ाई जाएगी।
जिले के सरकारी अस्पतालों में हर दिन हजारों मरीज बेहतर इलाज के लिए आते हैं। मरीजों की सुविधा को देखते हुए ही शासन, प्रशासन की ओर से समय से सभी चिकित्सकों के ओपीडी में बैठने और बाहर की दवा न लिखने की हिदायत दी जाती है, लेकिन इसका कोई असर नहीं दिखता है। आए दिन चिकित्सकों, कर्मचारियों की लेटलतीफी की वजह से मरीजों को परेशान होना पड़ता है।
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने पिछले दिनों बनारस में दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल के साथ ही अन्य जिलों का दौरा कर कई खामियां पकड़ी थी।इसके बाद व्यवस्था सुधार के उद्देश्य से शासन ने ओपीडी हाल, दवा वितरण काउंटर पर भी सीसीटीवी कैमरा लगाने और उसको राज्य मुख्यालय के कंट्रोल रूम से जोड़ने का निर्णय लिया है, जिससे कि हर एक गतिविधि पर बारीकियों से नजर रखी जा सके।
