महाराजगंज जिला मुख्यालय के अंतिम छोर पर बसा गांव भेड़िहारी का कटान टोला हैं। यह उत्तर प्रदेश में एक ऐसा गांव है, जहां इंसानों के साथ मगरमच्छ भी रहते हैं। इन्हें देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। इस गांव में पर्यटन के अनगिनत रंग बिखरे हैं। यहां मगरमच्छों को अठखेलियां करते हुए कभी भी देखा जा सकता है। चारों ओर से जंगलों से घिरे इस गांव से सटे एक ताल में करीब 450 मगरमच्छ रहते हैं। जिन्हें सुबह शाम आसानी से देखा जा सकता है।

ताल में निर्मित टीलों पर अपने बच्चों के साथ खेलते व झुंडों में मगरमच्छ लुभावने लगते हैं। जब मगरमच्छ अपने शिकार के लिए टीलों से पानी में छलांग लगाते हैं, तो नजारा देखते ही बनता है। बताया जाता है कि यहां किसी मगरमच्छ को इंसानों से दिक्कत नहीं है। दोनों अपना-अपना जीवन साथ बीता रहे हैं। एक ताल के अंदर और एक ताल के बाहर।
चहुओर फैली हरियाली और नारायणी की लहरों के मधुर स्वरों के बीच जंगलों से घिरे ताल में अगर आपको एक साथ एक दो नहीं बल्कि दर्जनों मगरमच्छ दिख जाए, तो आपकी यात्रा का आनंद शायद दोगुना हो जाएगा।