शिमला: महाराष्ट्र और गुजरात में शिमला के हरे मटर की भारी मांग है। मांग बढ़ने से शिमला के मटर को ढली मंडी में 100 से 130 रुपये किलो थोक रेट मिल रहा है। ढली मंडी से बाहरी राज्यों के लिए रोजाना करीब 400 क्विंटल मटर भेजा जा रहा है। मटर के दामों में तेजी से सब्जी उत्पादक काफी उत्साहित हैं।
जुलाई और अगस्त में लगाई गई मटर की खरीफ की फसल तैयार होकर मंडियों में पहुंचनी शुरू हो गई है। हरे रंग, लंबी फली और बड़े दानों वाले मटर की सबसे अधिक मांग है। 20 अक्तूबर के बाद मटर सीजन के रफ्तार पकड़ने की उम्मीद है।
कृषि विभाग के उपनिदेशक अजब कुमार नेगी ने बताया कि इन दिनों मटर की खरीफ की फसल तैयार होकर मंडियों में पहुंच रही है। जिले में करीब 7030 हेक्टेयर भूमि पर मटर की फसल लगाई जाती है। किस्म के हिसाब से 60 से 120 दिन में मटर तैयार होता है। शिमला जिले में सालाना करीब 81 हजार मीट्रिक टन मटर का उत्पादन होता है।
ढली मंडी की रूपामल सीता राम ट्रेडिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड 10 नंबर के संचालक सुशील सूद ने बताया कि अगले एक महीने तक मटर सीजन जोर शोर से चलेगा। शिमला के अलावा मंडी जिले से बड़ी मात्रा में मटर ढली मंडी पहुंचता है। सीजन की शुरुआत में मटर को रिकॉर्ड रेट मिल रहे हैं। आने वाले दिनों में भी बढ़िया क्वालिटी का मटर 80 से 100 रुपये प्रतिकिलो बिकने की उम्मीद है।
आढ़ती एसोसिएशन ढली मंडी के उपाध्यक्ष अमन सूद ने बताया कि महाराष्ट्र और गुजरात से शिमला के मटर की भारी मांग आ रही है। इन दिनों बढ़िया मटर 10,000 से 13000 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है। रोजाना करीब 400 क्विंटल मटर बाहरी राज्यों को भेजा जा रहा है।
