प्रो सृष्टि माथुर ने आज लखनऊ विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को शास्त्रीय संगीत के आधारों से परिचित कराया। द्रुपद गायन में “शिव वंदन” और ठुमरी गायन में “श्याम बिना नहीं चैन” से उन्होंने छात्रों का मन मोह लिया। कला संकाय के अधिष्ठाता आलोक कुमार, प्रो ध्रुव सेन सिंह, डा प्रशांत शुक्ला, डा रोली मिश्रा के अतिरिक्त अनेक विद्यार्थियों ने भाग लिया।
जयपुर से आरंभ करके भातखंडे संगीत संस्थान में पढ़ाते हुये सृष्टि माथुर आकाशवाणी, दूरदर्शन, फिल्म संगीत – सभी में अपना नाम दर्ज करा चुकी है। स्वरों की पहचान, रागों की बनावट, खयाल गायकी, ठुमरी, ध्रुपद का भेद सरलता से उन्होंने विद्यार्थियों को समझाया।
कार्यक्रम लखनऊ विश्ववविद्यालय “सांस्कृतिकी” की ओर से आयोजित किया गया। कार्यक्रम की भूमिका में यह बताया गया कि सांस्कृतिकी नये सत्र का प्रथम कार्यक्रम है तथा भविष्य में संस्कृति परिचय के अनेक कार्यक्रम होंते रहेंगे।
