सरकारी आंकड़े: गृह मंत्रालय के तहत आने वाले एनसीआरबी (राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो) की 2020 के लिए ‘जेल सांख्यिकी भारत’ रिपोर्ट के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है कि देश की जेलों में बंद मृत्यु दंड पाने वाले कैदियों की संख्या साल 2020 के अंत तक 413 थी। इन 413 कैदियों में से 94 को मृत्यु दंड की सजा 2020 में ही सुनाई गई थी। इसके अनुसार साल 2020 में 29 दोषियों के मृत्यु दंड को उम्रकैद में बदला गया।

2020 में जेलों में बंद मृत्यु दंड पाए कैदियों की संख्या कुल कैदियों की 0.36 फीसदी रही। मृत्यु दंड पाए जेल में बंद कैदियों में उत्तर प्रदेश के कैदियों की संख्या सबसे ज्यादा 53 रही। इसके बाद महाराष्ट्र के 49 और मध्यप्रदेश के 40 कैदी रहे।

रिपोर्ट के अनुसार, ‘देश में 2020 के दौरान 94 लोगों को मृत्यु दंड दिया गया। इनमें से उत्तर प्रदेश और राजस्थान के 15-15 लोग रहे। पश्चिम बंगाल से 14, बिहार से आठ और झारखंड व तमिल नाडु से एक-एक व्यक्ति को मृत्यु दंड दिया गया।’

जिन 29 लोगों के मृत्यु दंड को उम्र कैद में बदला गया था उनमें से सात महाराष्ट्र से और पांच-पांच राजस्थान व तमिलनाडु से थे। रिपोर्ट के अनुसार जिन 413 कैदियों को मृत्यु दंड मिला है उनमें से 319 को यह सजा साल 2019 में सुनाई गई थी।

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