चुनाव 2024: लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने अधिकारियों से साफ तौर पर कहा कि कोई भी वास्तविक वोटर मतदान के अपने अधिकार से वंचित न रह जाए।
चुनाव आयोग ने कहा कि मतदाता पहचान पत्र न होने पर भी अन्य पहचान पत्र दिखाकर मतदान कर सकेंगे।
आयोग ने राज्यों के चुनाव अधिकारियों से कहा है कि यदि पहचान पत्र के जरिये किसी मतदाता की पहचान हो जाती है तो उसे मतदाता पहचान पत्र की लिपिकीय या वर्तनी की त्रुटियों को नजरअंदाज करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कोई भी वास्तविक मतदाता मतदान के अपने अधिकार से वंचित न हो।
फोटो बेमेल होने की स्थिति में मतदाता को चुनाव आयोग की ओर से सूचीबद्ध वैकल्पिक फोटो दस्तावेज में से एक को पेश करना होगा। पिछले महीने जारी एक आदेश में चुनाव आयोग ने कहा कि जो मतदाता पहचान पत्र पेश नहीं कर पाए हैं, उन्हें पहचान स्थापित करने के लिए फोटो पहचान पत्रों में से कोई एक प्रस्तुत करना होगा। इनमें आधार कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, बैंक या डाकघर से जारी फोटोयुक्त पासबुक, श्रम मंत्रालय से जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के तहत भारत के रजिस्ट्रार जनरल से जारी स्मार्ट कार्ड शामिल हैं।
भारतीय पासपोर्ट, फोटो के साथ पेंशन दस्तावेज, केंद्र या राज्य सरकारों या पीएसयू के कर्मचारियों को जारी किए गए फोटो वाले सेवा आई-कार्ड, सांसदों, विधायकों और एमएलसी को जारी आधिकारिक पहचान पत्र और सामाजिक न्याय मंत्रालय से जारी विशिष्ट दिव्यांगता आई-कार्ड भी स्वीकार किए जाएंगे।
आयोग ने यह भी कहा कि किसी अन्य विधानसभा क्षेत्र के चुनाव पंजीकरण अधिकारी की ओर से जारी मतदाता पहचान पत्र पहचान के लिए स्वीकार किया जाएगा बशर्ते मतदाता का नाम उस मतदान केंद्र की मतदाता सूची में हो जहां वह मत डालने गया हो।
