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BREAKING NEWS: संसदीय समिति की रिपोर्ट मे पुलिस बलों में महिलाओं को 33 फीसदी प्रतिनिधित्व देने की सिफारिश

संसदीय समिति की सिफारिश: गृह मामलों की स्थायी संसदीय समिति ने आनंद शर्मा की अध्यक्षता में पुलिस के प्रशिक्षण, आधुनिकीकरण और सुधारों को लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट संसद में पेश की है। समिति के मुताबिक राज्यों के पुलिस बलों में 26,23,225 स्वीकृत पदों के मुकाबले 5,31,737 रिक्तियां नहीं भरी गई हैं, जो 21 फीसदी हैं। देश में अपराध और सुरक्षा की स्थिति को देखते हुए यह अच्छा आंकड़ा नहीं है।

समिति ने पुलिस में महिलाओं के बेहद कम प्रतिनिधित्व पर चिंता जताई है। वर्तमान में पुलिस में महिलाओं को महज 10.30 फीसदी प्रतिनिधित्व ही हासिल है। समिति ने इसे 33 फीसदी तक करने की सिफारिश की है। समिति की सिफारिश के मुताबिक गृह मंत्रालय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को महिला पुलिस का प्रतिनिधित्व 33 प्रतिशत तक करने के लिए रूपरेखा तैयार करने को कह सकता है।

पुलिस में महिलाओं की नियुक्तियां पुरुष सिपाहियों के पदों पर करने के बजाय महिलाओं के लिए अलग से पद सृजित करके की जानी चाहिए। सिफारिशों में कहा गया है, पुलिस में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के साथ-साथ सुरक्षा बलों में उन्हें अधिक चुनौतीपूर्ण और जुझारू भूमिका देनी चाहिए।

सिफारिश के अनुसार, गृहमंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी है कि हर पुलिस थाने में कम से कम तीन महिला पुलिस उप निरीक्षक और 10 सिपाहियों की नियुक्ति की जानी चाहिए। ताकि थाने में महिला सहायता प्रकोष्ठ 24 घंटे काम कर सके। सिफारिश में कहा गया है कि पुलिस शोध और विकास ब्यूरो (बीपीआरडी) को महिला सहायता प्रकोष्ठ के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने की जिम्मेदारी दी जानी चाहिए।

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