इंडिया जस्टिस रिपोर्ट 2020: इंडिया जस्टिस रिपोर्ट 2020 को विभिन्न सरकारी विभागों के उपलब्ध डाटा के आधार पर तैयार किया गया है और इसके लिए पुलिस, न्यायपालिका, जेल और न्यायिक सहायता के चार स्तंभों को आधार बनाया गया है।
हालांकि अधिकांश राज्यों ने दिसंबर 2019 के बाद से जेल प्रशासन के मामले में कुछ न कुछ सुधार किया है। तमिलनाडु और कर्नाटक ने 14 मानकों में से 12 मानकों पर सुधार दिखाया है। तमिलनाडु और कर्नाटक ने जेल प्रशासन के मामले में दिसंबर 2019 के बाद से सबसे अधिक सुधार किया है जबकि इस मोर्चे पर उत्तर प्रदेश सबसे पीछे है। तमिलनाडु ने अन्य मानकों पर भले सुधार किया हो लेकिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के मामले में सिर्फ 10 फीसदी जेलों में ही यह सुविधा मौजूद है।
एक रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर जेलों में 2020 में हर तीन में से एक स्टाफ का पद खाली था जबकि 613 कैदियों पर सिर्फ एक डॉक्टर उपलब्ध है। मॉडल जेल मैन्युअल 2016 के अनुसार हर 300 कैदी पर एक डॉक्टर होना चाहिए लेकिन देश के 17 राज्यों में इस नियम का पालन नहीं किया जा रहा है। सिर्फ नौ राज्य ऐसे हैं जिन्होंने डॉक्टरों के पदों को भरने की दिशा में कदम उठाए हैं।
राष्ट्रीय स्तर पर एक कैदी पर रोजाना का खर्च पहले के 118 रुपये से घटकर 2020 में 113 रुपये पर आ गया। जेलों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा 2019 के 60 फीसदी के मुकाबले 2020 में 69 फीसदी पहुंच गई। 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 100 फीसदी जेलों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा है जबकि छह राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के सिर्फ आधे जेलों में यह सुविधा है।
