दुनियाभर में टेरर फंडिंग पर नजर रखने वाली संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को बड़ा झटका दिया है। शुक्रवार को हुई FATF की बैठक में ये फैसला हुआ कि अभी पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में ही रहेगा, क्योंकि उसने संयुक्त राष्ट्र की ओर से चिह्नित आतंकी समूहों के नेताओं और कमांडरों के खिलाफ पर्याप्त जांच नहीं की। इसके अलावा वो उनके खिलाफ मुकदमा चलाने में भी विफल रहा, जिस वजह से उसे ग्रे लिस्ट से नहीं निकाला जा सकता है। पाक इस लिस्ट में 2018 से कब्जा जमाए हुए है।
एफएटीएफ के अध्यक्ष मारकस लेयर ने कहा कि पाकिस्तान पर लगातार नजर रखी जाएगी। हालांकि पाकिस्तान ने कुल 26 बिंदुओं में से 26 पर कदम उठाए हैं, लेकिन कई मानकों पर उसे असरदार व प्रभावी कदम उठाना हैं। खासकर मनी लांड्रिंग की जोखिम अधिक है। इसके कारण संगठित अपराध और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है। उनका कहना है कि अभी एक बड़ा काम संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकी करार दिए गए संगठनों और उनके आकाओं के खिलाफ जांच और सजा देने का है, जिसे पाकिस्तान को पूरा करना है।
बता दें कि अजहर, सईद और लखवी, 26/11 मुंबई हमला और 2019 में पुलवामा में सीआरपीएफ पर हुए हमलों समेत कई आतंकी वारदातों में शामिल रहे हैं जिसके कारण भारत को उनकी तलाश है। प्लेयर ने कहा कि पाकिस्तानी सरकार धन शोधन को रोकने में नाकामयाब रही है जिससे भ्रष्टाचार और आतंकवाद का वित्त पोषण होता है।