मुख्तार अंसारी को सांसद मामले संबंधी विशेष अदालत ने कारापाल पर हमला तथा जेल में पथराव की धमकी देने के मामले में 11 अगस्त को व्यक्तिगत रूप से पेश करने का आदेश दिया। बता दें कि अदालत ने इस मामले में अपने आदेश की प्रति अनुपालनार्थ बांदा जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक के साथ ही अतिरिक्त महानिदेशक कारागार, लखनऊ के पुलिस आयुक्त, पुलिस महानिदेशक, प्रमुख सचिव गृह व मुख्य सचिव को भी भेजने का आदेश दिया है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले जिला कारागार बांदा के वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने एक प्रार्थना पत्र के जरिए अदालत को बताया कि अभियुक्त को गंभीर बीमारियां है। जिसकी वजह से अदालत के समक्ष उपस्थित होने में असमर्थ है, लिहाजा गुजारिश है कि उसके विरुद्ध आरोपों का निर्धारण की कार्यवाही वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से की जाए।
वहीं अप्रैल 2000 को इस मामले की प्राथमिकी लखनऊ के कारापाल एसएन द्विवेदी ने थाना आलमबाग में दर्ज कराई थी। इस मामले में मुख्तार अंसारी, युसुफ चिश्ती, आलम, कल्लू पंडित व लालजी यादव आदि को नामजद किया गया था। प्राथमिकी के मुताबिक, पेशी से वापस आए बंदियों को जेल में दाखिल कराया जा रहा था। इनमें से एक बंदी चांद को विधायक मुख्तार अंसारी के साथ के लोग बुरी तरीके से मारने लगे।
