कानपुर: पीयूष जैन के ठिकानों से 196.45 करोड़ की नकदी व 23 किलो विदेशी सोना बरामद हुआ था। नकदी के मामले में डीजीजीआई ने केस दर्ज किया था जबकि विदेशी सोने के बरामदगी मामले में डीआरआई ने केस दर्ज कर जांच शुरू की थी।
पीयूष कुमार जैन के मामले में डीजीजीआई अहमदाबाद की ओर से विवेचक एसआईओ शंभूनाथ सिंह ने अग्रिम विवेचना के लिए 14 दिन का रिमांड बढ़ाने की मांग की। डीजीजीआई ने कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि पीयूष जैन यह तो स्वीकार कर रहा है कि उसने बगैर बिल आदि के बड़ा लेनदेन किया। मगर वह यह नहीं बता रहा है कि माल किससे खरीदा और किसको बेचा। इन सवालों पर वह गुमराह कर रहा है। सही जानकारी नहीं दे रहा है। कुल मिलाकर वह जांच में सहयोग नहीं कर रहा है।
इसके पहले 6, 7 व 8 जनवरी को डीजीजीआई अहमदाबाद की टीम ने जेल में पीयूष के बयान दर्ज किए थे, जिसमें उसने कई अहम बातें बताई थीं। उसने बताया था कि तीन फर्मों के जरिए किस तरह से वह खरीददारों से बिलों के नाम पर हेराफेरी कर टैक्स चोरी करता था।
विशेष लोक अभियोजक अम्ब्रीष टंडन ने बताया कि छापे के दौरान पीयूष के आनंदपुरी और कन्नौज स्थित घरों से मिले इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज जैसे कम्प्यूटर हार्ड डिस्क, मोबाइल फोन आदि की जांच के लिए समय मांगा गया। जिस पर कोर्ट ने पीयूष का 23 जनवरी तक के लिए रिमांड बढ़ा दिया है।