एहतियात: पोलियो, 20वीं सदी की सबसे भयावह बीमारियों में से एक है, जो 30 साल के वैश्विक टीकाकरण अभियान के बाद लगभग समाप्त हो गई है। इस बीच ख़बर आ रही हैं कि कई देशों में पोलियो का खतरा बढ़ रहा है, इसे देखते हुए भारत सरकार ने पोलियो प्रभावित 11 देशों की यात्रा से पूर्व टीकाकरण अनिवार्य किया है। बगैर टीकाकरण प्रभावित देशों से आने वाले यात्रियों के प्रवेश पर रोक बढ़ाने के साथ ही निगरानी शुरू कर दी है। साथ ही मंत्रालय ने पोलियो प्रभावित देशों से लौटने वाले भारतीयों से अपील की है कि अगर उन्होंने यात्रा से पहले या बाद में टीकाकरण नहीं कराया है तो इसे प्राथमिकता पर रखें। इसके लिए स्थानीय जिला अस्पताल या स्वास्थ्य अधिकारी से संपर्क किया जा सकता है। सभी जिलों में तैनात जिला टीकाकरण अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी है। गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग या फिर बच्चे और किशोर सभी आयु वर्ग को इसमें शामिल किया है।

मंत्रालय ने पुराने नियम में संशोधन करते हुए यात्रियों के लिए ओरल पोलियो वैक्सीन (ओपीवी) के अलावा इनएक्टिवेटेड पोलियो वैक्सीन (आईपीवी) को भी मान्यता दी है। यह खुराक यात्रा से कम से कम चार सप्ताह पहले लेना अनिवार्य है। दोनों में से किसी भी एक टीके की खुराक का प्रमाणपत्र मान्य होगा। जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार ने अफगानिस्तान, कैमरून, नाइजीरिया, पाकिस्तान, सोमालिया और सीरिया को स्थानिक देश की श्रेणी में रखा है। वहीं मलावी, मोजाम्बिक, मेडागास्कर, कांगो और डीआर कांगो को पोलियो वायरस प्रसार की श्रेणी में रखा है।

सरकार ने बीते एक मई से इन देशों के आवागमन पर निगरानी भी शुरू कर दी है। सरकार ने पोलियो प्रभावित अफगानिस्तान, कैमरून, नाइजीरिया, पाकिस्तान, सोमालिया, सीरिया के साथ मलावी, मोजाम्बिक, मेडागास्कर, कांगो और डीआर कांगो के आवागमन की निगरानी शुरू की।

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