चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना के 100 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित किए गए कार्यक्रम में देश के वामपंथी नेताओं की हिस्सेदारी पर जबरदस्त बवाल पैदा हुआ। बता दें कि इस कार्यक्रम का आयोजन चीनी दूतावास की ओर से वर्चुअल माध्यम किया गया था। इस वर्चुअल कार्यक्रम में कई वामपंथी नेताओं ने भाग लिया था।

बता दें कि भाग लेने के साथ ही उन्होंने कहा कि चीन के साथ भारत के रिश्ते कभी सहज नहीं रहे। भारत और चीन के बीच युद्ध भी हो चुका है और युद्ध के दिनों में भी वामपंथी दलों के नेता देश के साथ खड़े होने की जगह चीन के साथ खड़े थे और उसकी तरफदारी में जुटे हुए थे।

जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यक्रम में देश के वामपंथी नेताओं के हिस्सा लेने पर कड़ी निंदा की। भाजपा के कद्दावर नेताओं की बात करें तो सांसद और पश्चिम बंगाल के पार्टी के अध्यक्ष दिलीप घोष ने आरोप लगाते हुए कहा कि वामपंथी दल हमेशा भारतीय परंपरा और संस्कृति को खारिज करते रहे हैं।

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