यूपी: कोरोना से मुक्ति पा चुके लोगों में एवैस्कुलर नेक्रोसिस नाम की बीमारी का खतरा अधिक, समय पर इलाज नहीं किया तो हो सकता हैं घातक

कोरोना संक्रमण की वजह से corona से मुक्ति पा चुके लोग किसी ना किसी परेशानियों का सामना कर रहे हैं
उसी क्रम मे एक नया मरीज मिला है जो की कुशीनगर के तरया सुजान निवासी है l Erranewsindia ke जानकारी के मुताबिक कुशीनगर के तरया सुजान निवासी मेराज आलम (30) चार महीनों से दाहिने कूल्हे के दर्द से परेशान थे। इस बीच उन्होंने शहर के एक निजी अस्पताल में डॉ. अमित मिश्रा से संपर्क किया। डॉ. अमित ने बताया कि दर्द को देखते हुए कूल्हे का एमआरआई कराया गया। एमआरआई रिपोर्ट में दाहिने कूल्हे में एवैस्कुलर नेक्रोसिस नाम की बीमारी का पता चला। बताया कि इस बीमारी में कूल्हे के अंदर खून का संचार पूरी तरह से बाधित हो जाता है।

इसकी वजह से कूल्हे की हड्डी गलनी शुरू हो जाती है। इसे बोन ऑफ डेथ भी कहा जाता है। इसका उपचार सामान्य तौर पर कूल्हे के प्रत्यारोपण के जरिए ही संभव है। लेकिन मरीज की उम्र कम थी।इसकी वजह से कूल्हे के बगल वाली हड्डी से एक रक्त संचारित हड्डी का टुकड़ा और मांसपेशी को निकाल कर उस कूल्हे में स्थापित किया गया। इसके बाद उस कूल्हे में रक्त का संचार धीरे-धीरे शुरू हो गया है। बताया कि अगर समय से मरीज नहीं आता तो कूल्हे को बचा पाना संभव नहीं था। मजबूरन कूल्हे का प्रत्यारोपण करना पड़ता।

डॉ. अमित मिश्रा ने बताया कि मरीज पिछले साल जुलाई माह में कोविड से संक्रमित हुआ था। विशेषज्ञों के शोध में यह बात सामने आई है कि कोरोना संक्रमण में खून की धमनियों में सूजन हो जाने की वजह से शरीर के कुछ हिस्सों में खून का संचार बाधित हो जा रहा है।

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अध्ययन: गंभीर रूप से कोरोना बीमारी से उबर चुके लोगों पर किया गया एक अध्ययन , आईये जाने क्या निकला अध्ययन का निष्कर्ष

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