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बिजली समस्या: राज्यों के पास 20 हजार करोड़ बकाया है कोल इंडिया का, जाने छह बड़े डिफॉल्टर राज्य

कोयला संकट: देश में कई राज्यों ने कोयले की भारी कमी को देखते हुए बिजली आपूर्ति बाधित होने की चेतावनी दी है। राज्यों के पास कोयले का बहुत कम स्टॉक बचा है। ऐसे में थर्मल पॉवर प्लांट को कोयला आपूर्ति सुनिश्चित करना बड़ी चुनौती है। राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने पीएम को पत्र लिखकर इस मामले में दखल देने और तुरंत कोयला आपूर्ति को सुनिश्चित कराने की अपील की है

देश में कोयला संकट से बिजली संकट का खतरा मंडरा रहा है। इसी बीच केंद्र सरकार ने कहा है कि राज्यों के पास कोल इंडिया का करीब 20 हजार करोड़ रुपये बकाया है। कर्नाटक, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल बड़े डिफॉल्टर हैं। कोयला मंत्रालय ने चार राज्यों उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, राजस्थान को पत्र लिखकर बकाया अदा करने को कहा है।

देश में कोयले के संकट के बीच बिजली संकट गहराने की आशंका के बीच कोयला मंत्रालय ने ये तक कह दिया है कि वे राज्यों को जनवरी से पत्र लिखकर स्टॉक लेने के लिए कह रहा था, लेकिन राज्यों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
कोयला मंत्रालय ने स्पष्ट कहा है कि राज्यों द्वारा कोयले का खनन न करने और कोल इंडिया से कोयला न लेने के कारण भी बिजली संकट गहराने की स्थिति बनी है।

जाने किस राज्य पर कितना बकाया
राज्य              बकाया राशि (करोड़ रुपये में)
महाराष्ट्र          3176.1
उत्तर प्रदेश       2743.1
पश्चिम बंगाल   1958.6
तमिलनाडु       1281.7
राजस्थान         774

देश में कोयले के संकट का एक कारण आयातित कोयले का महंगा होना है। इससे भी बिजली उत्पादन की व्यवस्था लड़खड़ाई है। कोयला मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि कोयले का अत्यधिक भंडारण इसलिए नहीं कर सकते क्योंकि आग लगने का खतरा है। केंद्र ने कहा है कि अगले पांच दिनों में वे कोयले का उत्पादन 1.94 लाख टन से बढ़ाकर 20 लाख टन करेगा।

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