कॉप26 सम्मेलन: स्कॉटलैंड के शहर ग्लासगो में 31 अक्टूबर रविवार से शुरू हुए संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन में ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के सर्वोत्तम उपायों पर चर्चा के लिये लगभग 200 देशों के प्रतिनिधि भाग लिए थे, इस सम्मलेन को सीओपी26 भी कहा जा रहा है। तेरह नवंबर तक चलने वाले इस संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन कॉप26 में भारत को बड़ी कूटनीतिक जीत हासिल हुई है।
सम्मेलन के दौरान ग्लोबल वार्मिंग को लेकर हुए इस समझौते के दौरान भारत अंतिम समय में 200 देशों को यह समझाने में कामयाब रहा कि कोयले के उपयोग को चरणबद्ध तरीके से खत्म करने के बजाय, चरणबद्ध तरीके से इसके उपयोग को कम किया जाए। भारत ने समझौते के अंतिम समय में कोयले को ‘फेज आउट’ के बजाय ‘फेज डाउन’ में शामिल करवाया। इसके बाद भारत ने भी कॉप26 के उस प्रस्ताव का समर्थन कर दिया, जिसे 200 देशों की ओर से पारित किया गया था।
इसमें भारत और चीन अंतिम समय में कोयले और जीवाश्म ईधन को चरणबद्ध तरीके से खत्म करने की बजाय उसके उपयोग को कम करने की बात दुनिया के अन्य देशों को समझा पाए। ग्लासगो जलवाायु समझौते के तहत सभी देश 2030 तक अपने मौजूदा उत्सर्जन लक्ष्यों पर फिर से विचार करने पर सहमत हुए।