तालिबान के अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जे के बाद अब चीन की नजर वहां की धरती पर मौजूद खरबों डॉलर की कीमती धातुओं पर है। इसी को लेकर सीएनबीसी ने अपनी एक रिपोर्ट में अफगान दूतावास के पूर्व राजनयिक अहमद शाह कटवाजई के हवाले से कहा कि अफगानिस्तान में मौजूद दुर्लभ धातुओं की कीमत 2020 में एक हजार अरब डॉलर से लेकर तीन हजार अरब डॉलर के बीच लगाई गई थी। बता दें कि इन कीमतों धातुओं का इस्तेमाल हाई-टेक मिसाइल की प्रणाली जैसी उन्नत तकनीकों में किया जाता है।
इसी कड़ी में चीन ने बुधवार कहा था कि वह देश में सरकार बनने के बाद अफगानिस्तान में तालिबान को राजनयिक मान्यता देने पर फैसला करेगा। गौरतलब है कि चीन सुरमा और बराइट जैसी दुर्लभ धातुओं और खनिजों की भी आपूर्ति करता है, जो वैश्विक आपूर्ति के लिए मौजूद लगभग दो-तिहाई हिस्सा है। इसके साथ ही चीन दुनिया की 85 प्रतिशत से अधिक दुर्लभ धातुओं की आपूर्ति करता है।