सियासत: पंजाब की राजनीति में भाजपा कभी बड़ी ताकत नहीं रही। अकाली दल के सहारे पार्टी को लोकसभा और विधानसभा में कुछ सीटें जरूर हासिल हुई। पंजाब में सियासी उठापटक के बीच मुख्यमंत्री पद से हटने के लिए मजबूर किए गए कैप्टन अमरिंदर सिंह के भावी रुख का भाजपा को इंतजार है। इस बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रकाश जावड़ेकर ने कैप्टन द्वारा प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को देशद्रोही बताए जाने पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा से जवाब मांगा है।
कैप्टन ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं, मगर यह साफ है कि जिस तरह से उन्हें पद से हटाया गया है उससे वह आहत हैं। उनके सामने तीन विकल्प हैं। पहला कांग्रेस में रह कर पार्टी को कमजोर करने की लड़ाई लड़ें। दूसरा नई पार्टी बना कर मैदान में उतरें और तीसरा विकल्प भाजपा में शामिल हो जाएं।
एक समय था जब भाजपा पार्टी की योजना नवजोत सिंह सिद्धू के सहारे राज्य में अपनी ताकत बढ़ाने की थी। हालांकि इस योजना पर आगे बढ़ने से पहले ही सिद्धू भाजपा छोड़कर कांग्रेस में चले गए।
पंजाब में सियासी घमासान के बीच कैप्टन की पिछले महीने प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से अलग-अलग मुलाकात चर्चा का विषय बनी थी। इससे पहले किसान आंदोलन के जारी रहते हुए भी प्रधानमंत्री की कैप्टन से लंबी मुलाकात हुई थी।
