लखीमपुर खीरी:-प्रशासनिक भवन का लोकार्पण चन्द्र शेखर आज़ाद कृषि एवम् प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कानपुर द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र , जमुनाबाद , लखीमपुर खीरी के प्रशासनिक भवन का लोकार्पण माननीया श्री राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी द्वारा ऑन लाइन किया गया ।
इस अवसर पर माननीय कुलपति डॉ . डी.आर. सिंह, चन्द्र शेखर आज़ाद कृषि एवम् प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कानपुर द्वारा अपने संबोधन में कहा गया कि यह कृषि विज्ञान केन्द्र प्रदेश के मध्य मैदानी क्षेत्र के तराई एवम् भावर जलवायु क्षेत्र में स्थापित है जिसकी स्थापना 13 फरवरी , 2005 में की गई थी। इस केन्द्र द्वारा कृषकों के आयवर्धन एवम् रोजगार सृजन हेतु गन्ने के साथ सहफसली खेती ,उत्पादन बढ़ाने हेतु ट्रेंच विधि से इसकी बुवाई ,केला उत्पादन में टिश्यू कल्चर विधि से तैयार पौध का रोपण एवम् केला में मिर्च ,धनिया ,बैगन की सहफसली खेती को विशेष रूप से कृषक प्रक्षेत्रों पर अच्छादन कराया जा रहा है और केले के तने से रेशा बनाने का कार्य भी महिलाओं द्वारा किया जा रहा है।
विशिष्ट अतिथि श्री अजय कुमार मा.सांसद खीरी एवम् गृह राज्यमंत्री भारत सरकार द्वारा भी अपने संबोधन में कहा गया कि प्रधानमंत्री जी द्वारा कृषकों की आय दो गुनी के लक्ष्य के पूर्ति हेतु कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों की प्रमुख भूमिका है जो कृषि में नित्य नए उन्नत तकनीकी शोधों को कृषकों तक पहुंचा रहे हैं जिसको किसान भाई अपने खेतों में समावेश कर रहे हैं।
मुख्य अतिथि मा.श्री राज्यपाल महोदया द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र लखीमपुर खीरी के प्रशासनिक भवन का आभासी लोकार्पण किया गया इस अवसर पर कहा कि इनके आरम्भ हो जाने से यहां के वैज्ञानिक प्रशिक्षण तथा तकनीकी हस्तांतरण संबंधी कार्य सुगमतापूर्वक कर सकेंगे, जिसका लाभ जनपद के किसानों को मिलेगा।
कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से हमारे नवयुवक व युवतियां प्रशिक्षण प्राप्त कर नये स्वरोजगार का सृजन कर गांव स्तर पर उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम उपयोग कर रोजगार के अवसर भी पैदा करेंगे। केन्द्रों पर स्थापित समन्वित कृषि प्रणाली से प्रशिक्षण व ज्ञान प्राप्त कर कृषक आय को दोगुना कर पाने में सफल होने के साथ ही प्रति इकाई क्षेत्रफल में विभिन्न फसलों को उगाकर अधिकतम आय प्राप्त कर सकते हैं।कार्यक्रम के अंत में डॉ ए के सिंह निदेशक प्रसार /समन्वयक द्वारा सभी का धन्यवाद एवम् आभार ज्ञापित किया गया ।
