आयकर विभाग: हाल ही में यूपी के झांसी के एक व्यापारिक समूह के ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापेमारी कर 150 करोड़ रुपये के काले धन का खुलासा किया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने शुक्रवार को बताया कि यह कंपनी सिविल ठेकेदारं और रीयल एस्टेट से संबंधित है। सीबीडीटी कर विभाग के लिए नीति बनाता है।
सीबीडीटी ने एक बयान जारी कर बताया कि तीन अगस्त के बाद से यूपी में झांसी, लखनऊ और कानपुर के अलावा दिल्ली और गोवा में लगभग 30 ठिकानों पर छापेमारी की जा चुकी है। सीबीडीटी ने बताया कि छापेमारी के दौरान पकड़े गए युवक ने खुद ही 150 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय का खुलासा किया।
कंपनी ने दावा किया, ”सिविल ठेकों के व्यापार में शुरुआती विश्लेषण करने के बाद खुलासा हुआ कि व्यापारिक समूह हर के अंत में अपने नियमित बहीखातों से छेड़छाड़ कर अपने लाभ को छिपाकर बड़े स्तर पर कर चोरी के मामले में संलिप्त है। ये छेड़छाड़ फर्जी खर्च और लेनदार आदि दिखाकर की गई।”
कंपनी ने बताया, ”जब्त किए गए साक्ष्यों से 250 करोड़ के फर्जी खर्च और फर्जी लेनदारों का दावा किया गया है। सीबीडीटी ने कहा कि रीयल एस्टेट में लगी कंपनियों ने कर चोरी के लिए एक अन्य माध्यम के तहत स्टांप शुल्क मूल्य से अधिक नकद प्राप्त किया। सीबीडीटी की टीम ने 15 करोड़ रुपये की बिना हिसाब की नकदी और ज्वेलरी को भी जब्त कर लिया है। सीबीडीटी ने कहा कि अबतक मिले सबूतों से 150 करोड़ रुपये से ज्यादा रुपये का खुलासा हुआ है, जिसका कोई हिसाब नहीं है।
