लखनऊ विश्वविद्यालय जैव रसायन विभाग ने मिशन शक्ति का तीसरा चरण मनाया। कार्यक्रम का विषय लैंगिग समानता और स्वास्थ्य था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में माननीय महोदया कुलपति श्रीमती संगीता राय, डॉ अंशुमाली शर्मा, राज्य संपर्क अधिकारी ;एनएसएस प्रो मधुरिमा लाल मिशन शक्ति की संयोजक लखनऊ विश्वविद्यालय को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। डॉ संगीता शर्मा ने लैंगिग समानता और स्वास्थ्य विषय पर मुख्य भाषण दिया।
इस कार्यक्रम की शुरुआत मिशन शक्ति के उद्देश्यों और सिद्धांतों पर चर्चा के साथ हुई और इसके बाद मिशन शक्ति के चरण .1 और चरण .2 की पहलों का एक संक्षिप्त सारांश दिया गया। महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा गरिमा और सशक्तिकरण पर जोर देने के साथ पिछले साल अक्टूबर में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मिशन शक्ति की शुरुआत की गई थी। यह बच्चों के अधिकारों महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ यौन अपराध और अनाथ लड़कियों को गोद लेने पर भी केंद्रित है।
प्रो सुधीर मेहरोत्रा जैव रसायन विभाग के प्रमुख ने मिशन शक्ति के चरण .3 की प्रमुख विशेषताओं के बारे में विस्तार से बताया। जिसके बाद प्रो मधुरिमा लाल ने एक परिचयात्मक टिप्पणी की। जिन्होंने हमें प्रमुख कार्यक्रम के उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी। उत्तर प्रदेश सरकार से डॉ अंशुमली शर्मा ने लैंगिक समानता के सार पर संक्षेप में श्रोताओं को संबोधित किया। अतिथि वक्ता डॉ संगीता शर्मा ने अपने व्याख्यान के माध्यम से लैंगिक समानता बालिका शिक्षा महिला स्वास्थ्य और सशक्तिकरण के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने राज्य के नागरिकों के रूप में महत्वपूर्ण भूमिकाओं के बारे में भी चर्चा की जिनका पालन करना चाहिए।
विभाग में लैंगिक समानता एवं स्वास्थ्य विषय पर पोस्टर प्रेजेंटेशन भी आयोजित किया गया जिसका मूल्यांकन मुख्य वक्ता डॉ संगीता शर्मा और डॉ अंशुमाली शर्मा ने किया। जैव रसायन और जैव प्रौद्योगिकी के छात्रों ने मिलकर महिला सशक्तिकरण पर एक कविता के पाठ के साथ.साथ लैंगिक समानता पर एक नाटक तैयार किया।
जेंडर इक्वैलिटी विषय पर एक डॉक्युमेंट्री भी दिखाई गई। जिसे बायोकैमिस्ट्री के छात्रों द्वारा तैयार किया गया था। इसमें सामान्य रूढ़िबद्धता और दिन.प्रतिदिन की लिंग भूमिकाओं के बारे में बात की गई है जो लोगों के अधीन हैं। अंत में पोस्टर प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत करने के साथ.साथ मुख्य अतिथि व अतिथि वक्ताओं को स्मृति चिन्ह भेंट कर कार्यक्रम का समापन किया गया। डॉ मीनल गर्ग ने औपचारिक धन्यवाद प्रस्ताव रखा।
