रिपोर्ट में दावा : स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (एसआईपीआरआई) ने जारी एक रिपोर्ट में दावा किया कि 2017-21 के दौरान भारत ने हथियारों के कुल आयात में 21 फीसदी की कटौती की, हालांकि इसके बाद भी वैश्विक स्तर पर हथियारों के आयात में अकेले भारत की हिस्सेदारी 11 फीसदी रही।
भारत ने हथियारों की खरीदारी के लिए रूस पर निर्भरता में उल्लेखनीय कमी की है। 2012-17 के दौरान जहां भारत अपने हथियारों के कुल आयात में से 69 फीसदी रूस से करता था, वहीं 2017 से 2021 के दौरान यह घटकर 46 फीसदी रह गया है। 2012-2021 के दौरान लगातार रूस भारत का सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता रहा है। हालांकि, इस दौरान भारत का रूस से होने वाला हथियारों का आयात 47 फीसदी कम हुआ है।
एसआईपीआरआई के मुताबिक भारत के यह प्रयास खुद को रक्षा तकनीक और हथियारों के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की तरफ बढ़ाए गए कदमों की पुष्टि करते हैं, इसके अलावा भारत खुद को हथियारों की आपूर्ति के लिए किसी एक देश पर निर्भर नहीं बनाए रखना चाहता है। यही वजह है कि 2017-21 के दौरान भारत के फ्रांस से हथियारों के आयात में दस फीसदी की वृद्धि हुई है।
