सुप्रीम कोर्ट: शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार से सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह राज्य के सभी 75 जिला अस्पतालों में महिला चिकित्सकों व परिचारकों के खाली पदों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराए। शीर्ष अदालत ने सरकार को एक चार्ट के जरिये पूरा ब्योरा पेश करने के लिए कहा है।
जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एमएम सुंदरेश की पीठ ने दो महिलाओं की हत्या के आरोपी हाजी मुशाहिद को जमानत देने से इनकार करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान अदालत ने पाया कि जिला अस्पताल संभल में पुरुष और महिला डॉक्टरों व परिचारकों के 62 फीसदी और 70 फीसदी पद रिक्त पड़े हैं। पीठ ने कहा कि ये आंकड़े बहुत परेशान करने वाले हैं।
पीठ ने कहा, रिक्तियों की यह स्थिति संभल जिले तक सीमित है या अन्य जिलों में भी यही हालात हैं। रिक्त पदों पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से सभी 75 जिला अस्पतालों में महिला चिकित्सकों व परिचारकों के कुल पदों और खाली पदों के बारे में जानकारी देने को कहा है।
पीठ ने कहा, वरिष्ठ सलाहकार के हलफनामे में कहा गया है, जिला अस्पताल संभल में रिक्त पदों को भरने के लिए जिले के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक/ मुख्य चिकित्सा अधिकारी बार-बार सरकार को पत्र लिख रहे हैं। हलफनामे से संभल जिला अस्पताल में पदों के खाली होने का पता चलता है। पीठ ने 18 जनवरी, 2022 को राज्य को निर्देश दिया था कि वह जिला अस्पताल में सर्जन की अनुपस्थिति के कारणों का सत्यापन करे।