दिल्ली: राजधानी दिल्ली की हवा बीते 24 घंटे में बिगड़कर खराब से बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई है। हालांकि पंजाब में सीजन की सबसे अधिक पराली जलने के बावजूद हवा गंभीर नहीं हुई। विशेषज्ञों ने इसके लिए अनुकूल मौसमी दशाओं को जिम्मेदार बताया है। वायु मानक एजेंसियों का पूर्वानुमान है कि अगले दो दिनों तक मौसमी दशाओं में खास बदलाव न होने की वजह से हवा बेहद खराब श्रेणी में ही बनी रहेगी।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, दिल्ली का एक्यूआई 346 के साथ बेहद खराब श्रेणी में दर्ज किया गया है। वहीं, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा और गुरुग्राम की हवा भी बेहद खराब रही। नोएडा और गाजियाबाद की हवा खराब श्रेणी में दर्ज की गई है। प्रदूषण के स्तर को देखते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में प्राइमरी स्कूल बंद करने का ऐलान किया था।
केंद्र की वायु मानक संस्था सफर इंडिया के निदेशक डॉ. गुरफान बेग ने बताया कि शुक्रवार को हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम होने के बाद भी पराली के धुएं की दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण में कम हिस्सेदारी रही है। इसकी प्रमुख वजह सतही हवाओं के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर चलने वाली हवाओं की तेज रफ्तार रही।
इस वजह से हवा के साथ आने वाले प्रदूषक सिर्फ दिल्ली-एनसीआर तक नहीं रूके, बल्कि आगे निकलते हुए मध्य भारत तक पहुंचे और फैल गए। राजधानी में अगले सप्ताह से मौसम करवट लेगा। इस कड़ी में रातें और सर्द होंगी। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि अगले सप्ताह के अंत तक न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है।