स्वामी विवेकानंद: आज उस महान शख्सियत की जयंती को मनाने का दिन है जिन्होंने दुनियाभर में भारतीय संस्कृति-विचारों का डंका बजाया था। आपको बता दें कि आज स्वामी विवेकानंद की 161 वीं जयंती हैं। स्वामी विवेकानंद की जयंती (12 जनवरी) पर समूचा देश राष्ट्रीय युवा दिवस मना रहा है। 1984 में भारत सरकार ने इस दिन को पहली बार ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ के तौर पर घोषित किया। 12 जनवरी 1985 से इसे हर साल मनाया जा रहा है। यह दिन स्वामी विवेकानंद और उनके विचारों को याद करने और प्रेरणा लेने के लिए प्रोत्साहित करता है।
12 जनवरी, 1863 को बंगाल में जन्मे स्वामी विवेकानंद धर्म, कला, दर्शन, साहित्य में कुशल थे। शिकागो में आयोजित धर्म संसद में जब उन्होंने बोलना शुरू किया तो वहां मौजूद लोग हतप्रभ रह गए।
शिकागो में आयोजित धर्म संसद में भारत के आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद को बोलने का अवसर दिया गया, यह उस वक्त किसी भारतीय के लिए बड़ी उपलब्धि थी। 11 सितंबर 1893 को जब स्वामी जी मंच पर पहुंचे और अपना संबोधन शुरू किया, तो वहां मौजूद लोग भारत की अनमोल संस्कृति के मुरीद हो गए। स्वामी जी ने भारतीय संस्कृति और विरासत की ऐसी प्रस्तुति दी जो इतिहास में अंकित हो गया, सदियां बीत जाने के बाद आज भी विश्वभर में इसकी चर्चा की जाती है।
‘उठो जागो और तब तक मत रुको जब तक तुम्हें तुम्हारे लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए’। ‘खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है’। स्वामी विवेकानंद के ऐसे विचारों से लोगों और विशेषकर युवाओं के भीतर क्रांति पैदा होती है। स्वामी विवेकानंद ने अपने जीवन का कण-कण देश को समर्पित कर दिया।
