अयोध्या: बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 30 दिन के भीतर चौथी बार अयोध्या पहुंचे। यहां पहुंचने पर उनका दक्षिण भारतीय परंपरा के अनुसार उनका स्वागत किया गया। सीएम रामसेवक पुरम में शिव मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल हुए। वे 25 फीट ऊंचे मंदिर के शिखर पर कलश स्थापित किए।

इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामनाथ स्वामी मंदिर के कुंभाभिषेकम और जीर्णोद्धार समारोह में कहा कि अयोध्या और तमिलनाडु का एक विशेष रिश्ता है। हजारों वर्ष पहले श्रीराम श्रीलंका में सीता माता की खोज के लिए निकले थे तब उन्होंने तमिलनाडु में भगवान शिव की आराधना की थी, जहां आज रामेश्वरम स्थापित है। भगवान शिव की कृपा से सेतुबंध का भी निर्माण हुआ था।

एक मान्यता और है कि भगवान जब सीता को लेकर वापस आ रहे थे तो माता सीता ने रामनाथ स्वामी मंदिर में पूजा अर्चना की थी। संपूर्ण भारत एक है, यह आध्यात्मिक परंपरा आगे बढ़ रही है। अयोध्या में रामनाथ स्वामी का मंदिर बन गया है। मत, संप्रदाय, पंथ की उपासना विधि की अनेकता के बावजूद एक भारत श्रेष्ठ भारत का संकल्प आगे बढ़ रहा है। इससे पहले मोदी जी की प्रेरणा से काशी तमिल संगम के दो संस्करण हो चुके हैं। काशी के बाद अयोध्या धाम भी तमिलनाडु से जुड़ चुका है। 

उन्होंने कहा कि राजनीतिक संकीर्णता में फंसे कुछ लोग समाज को बांटने की कोशिश करते रहते हैं। ऐसे समय में रामनाथ स्वामी मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा का समारोह एक नई प्रेरणा हो सकता है। इससे प्रेरित होकर एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को आगे बढ़ाएंगे। भारत सांस्कृतिक रूप से हर कालखंड में एक रहा है। वैदिक साहित्य इसका उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। हमारे शास्त्र इसका उदाहरण है। संतों की परंपरा, धर्म स्थल इनके प्रमाण हैं। सरकार अलग-अलग रही हो लेकिन सांस्कृतिक एकता कभी खंडित नहीं हुई। अयोध्या दुनिया की सबसे सुंदर आध्यात्मिक नगरी बन रही है। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब तक तीन करोड़ से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं।

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