आत्मनिर्भर भारत: भारत अब कई क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनने की कोशिशों में लगा है l कई ऐसे उत्पाद जिन्हें आयात किया जाता था, अब उन्हें देश में ही तैयार किया जाने लगा हैl इसी क्रम में रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की भारत की कोशिशों को लगातार पंख मिल रहे हैं। देश का रक्षा क्षेत्र भी अब धीरे-धीरे निर्यात के क्षेत्र में आगे बढ़ने लगा है l खासकर घरेलू तकनीक को विकसित करने और उसे दुनिया तक पहुंचाने के मामले में तो देश का डिफेंस सेक्टर लगातार आगे बढ़ रहा है।
देश का रक्षा निर्यात मुख्य रूप से अमेरिका, फिलीपींस, दक्षिण-पूर्व एशिया, पश्चिम एशिया और अफ्रीका के देशों में होता है। इस बीच वित्त वर्ष 2021-22 के रक्षा निर्यात के जो आंकड़े आए हैं, वह भी रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की कोशिशों की कहानी कह रहे हैं। इस एक साल के दौरान भारत ने रक्षा निर्यात क्षेत्र में 13 हजार करोड़ रुपये के आंकड़े को छू लिया। यह वित्त वर्ष 2020-21 के मुकाबले 54.1 फीसदी की बढ़ोतरी है।
हालांकि, एक चौंकाने वाली बात यह है कि कुल निर्यात में 70 फीसदी हिस्सा प्राइवेट सेक्टर का है, जबकि पब्लिक सेक्टर की कंपनियों की ओर से सिर्फ 30 फीसदी निर्यात ही हो सका। 2020-21 में भारत का रक्षा निर्यात 8 हजार 434 करोड़ रुपये था, जबकि 2019-20 में यह 9 हजार 115 करोड़ रुपये तक पहुंचा था। भारत का रक्षा निर्यात वित्त वर्ष 2015-16 में महज 2059 करोड़ रुपये पर था। दूसरी तरफ पिछले दो साल कोविड के कारण सुस्ती रही, लेकिन इस बार हमने अच्छी प्रगति की है।
