Uttar Pradesh

यूपी: भर्ती बोर्ड ने मानी गड़बड़ी, महिला और पीएसी सिपाही भर्ती-2015 का रिजल्ट रद्द

सरकार भानु प्रताप तिवारी
UP Head /Erra News India
शालिनी सिंह पटेल /बाँदा ब्यूरो चीफ

उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती और प्रोन्नति बोर्ड की गलती से एक बार फिर सिपाहियों की भर्तियां सवालों के घेरे में आ गई हैं। भर्ती बोर्ड ने महिला और पीएसी सिपाही भर्ती-2015 की कट ऑफ लिस्ट में तकनीकी गड़बड़ी बताते हुए 15 मई को इन भर्तियों का जारी हुआ रिजल्ट निरस्त कर दिया है। जल्द ही संशोधित रिजल्ट और कट ऑफ जारी होगी।

लखनऊ
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती और प्रोन्नति बोर्ड की गलती से एक बार फिर सिपाहियों की भर्तियां सवालों के घेरे में आ गई हैं। भर्ती बोर्ड ने महिला और पीएसी सिपाही भर्ती-2015 की कट ऑफ लिस्ट में तकनीकी गड़बड़ी बताते हुए 15 मई को इन भर्तियों का जारी हुआ रिजल्ट निरस्त कर दिया है। जल्द ही संशोधित रिजल्ट और कट ऑफ जारी होगी।
दरअसल, जिस दिन रिजल्ट जारी हुआ था, उसी दिन कट ऑफ लिस्ट को लेकर सवाल उठे थे। महिला सिपाहियों की कट ऑफ लिस्ट में अनुसूचित जाति के लिए 357.9 कट ऑफ था जबकि अनुसूचित जनजाति के लिए 377.23 कट ऑफ था। भर्ती बोर्ड के अधिकारियों ने इसे चेक किए बिना ही जारी कर दिया था।

बोर्ड को तीसरा झटका
भर्ती बोर्ड को यह लगातार तीसरा झटका लगा है। पहले एसआई भर्ती का पेपर लीक, फिर रिजल्ट जारी करने में देरी और अब सिपाही भर्ती का रिजल्ट गड़बड़ होने के बाद भर्ती बोर्ड की प्रतिष्ठा पर ही सवाल उठने लगे हैं। पिछले दो साल से लगातार भर्ती बोर्ड की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।
लटक ही न जाएं भर्तियां!
कट ऑफ लिस्ट में गड़बड़ी सामने आने के बाद पूरी भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे हैं। माना जा रहा है कि गड़बड़ी के बाद अब अभ्यर्थी कोर्ट भी जा सकते हैं। ऐसा हुआ तो यह भर्तियां फिर लटक जाएंगी।

सिविल पुलिस महिला सिपाही भर्तियां
महिला पुलिस के 5,800 पदों के लिए पांच लाख से ज्यादा आवेदन आए थे। इसमें से मेरिट के आधार पर 87,132 अभ्यर्थियों की शारीरिक परीक्षा करवाई गई। 7723 को अभिलेखों की पड़ताल और शारीरिक मानक परीक्षा के लिए बुलाया गया। 5800 पदों के लिए सामान्य वर्ग की 2900, पिछड़ा वर्ग की 1566, अनुसूचित जाति की 1218 और अनुसूचित जनजाति की 116 अभ्यर्थियों का चयन हुआ। इनमें से क्षैतिज आरक्षण के तहत 15 स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कोटे में चुनी गई हैं।

कट ऑफ लिस्ट
सामान्य वर्ग : 418.77

अन्य पिछड़ा वर्ग : 410.6

अनुसूचित जाति : 357.9

अनुसूचित जनजाति : 377.23

34,716 पदों पर हुई थी सिपाही भर्ती

23,200 पद सिविल पुलिस के पुरुष सिपाहियों के हैं

5,716 पद पीएसी कॉन्स्टेबल और 5800 पद महिला आरक्षी के हैं।

इसी क्रम में उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती में  रह गए अभ्यर्थी 22 जुलाई दिन बृहस्पतिवार लखनऊ में  मुख्यमंत्री आवास के पास आंदोलन करेंगे ,और उन्होंने सभी संगठन का आव्हान किया है कि सभी सामाजिक कार्यकर्ता और युवा आवाज उठाये एवम अभ्यर्थियों का सहयोग करे  गूंगी  , बहरी सोइ हुई सरकार उत्तर प्रदेश की सरकार को जगाना होगा मेरा सभी युवा साथियों से  निवेदन है सभी लोगो सहयोग युवाओ का

ये भर्ती माननीय पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश जी ने अपने कार्यकाल में निकाला था , जो बाद में उनकी सरकार के जाने के बाद बीजेपी सरकार में पूरी हुई ,और इस भर्ती में ज्यादा समय होने के कारण इसमें बहुत बच्चे दूसरी जगह सेलक्ट हो गए और कुछ मेडिकल अनफिट हो गए कुछ दस्तावेज में अनफिट हो गए जिसके कारण इस भर्ती में अभी3528 सीट खाली है ,हम लोग दिसंबर 2018 से हाई कोर्ट में अपनी लड़ाई लड़ रहे थे ,लेकिन जज साहब ने केस को बाद में खारिज कर दिया बोलो अखिलेश जी की सरकार में इसमें नया रूल बनाया गया कैरी फॉरवर्ड का लेकिन भर्ती बोर्ड द्वारा ये रूल फॉलो नहीं किया गया और हम लोग अपील करते है सरकार से की अगर 3528 सीट खाली है , तो हम बचे याचियो से सीटों को भर लिया जाए हम लोग ओवर ऐज भी हो गए है ,अब हम लोगो का कोई  भाविस्य भी नहीं है ,इस लिए हम लोगो कि ये पुकार सुना जाए नहीं जॉब नहीं तो वोट नहीं ..?

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उत्तर प्रदेश पुलिस का सिपाही मिशन शक्ति जैसे अभियान को दिखा रहा ठेंगा!दो बीवियों के बीच फसा उत्तर प्रदेश पुलिस का सिपाही,एक बीवी घर तो दूसरी को ले तैनाती क्षेत्र में रह रहा था! घर वालों को पता चलने पर दूसरी को छोड़ा तो दूसरी बीवी ने किया मुकदमा!उत्तर प्रदेश में कानून का रखवाला ही कानून की धज्जियां उड़ा रहा,शादीशुदा होने के बावजूद कई सालों से दूसरी महिला को पत्नी बनाकर साथ में रह रहा था! बताते चलें कि देवरिया जिले का सिपाही ना०पु०062620433 रवि प्रताप जो पहले से शादीशुदा था महाराजगंज में तैनाती के दौरान महाराजगंज की एक महिला को भी अपनी पत्नी बनाकर साथ में रखा हुआ था! कई सालों तक साथ में रहने के बाद जब घर वालों को पता चला तो वह दूसरी बीवी को छोड़कर भागने के फिराक में लग गया! लेकिन दूसरी बीवी उसे भागता देख जिले के ही पुलिस अधीक्षक के पास शिकायत लेकर पहुंची और सिपाही रवि प्रताप के खिलाफ 376,और 493/506, समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है! अब सवाल यह उठ रहा है कि ऐसी धाराओं में मुकदमा दर्ज होने के बाद भी सिपाही रवि प्रताप निश्चिंत होकर अपनी ड्यूटी गोंडा जिले के जीआरपी में कर रहा है और कानून के बीच के बीच फसाकर दूसरी बीवी को प्रताड़ित कर रहा है!आपको बताते चलें कि महाराजगंज जिले में यह मामला काफी चर्चा में रहा है लेकिन विभागीय होने के नाते पुलिस विभाग के द्वारा भी आज तक ना तो सिपाही रवि प्रताप को गिरफ्तार किया गया ना ही उसकी दूसरी पत्नी के लिए न्याय संगत कोई कदम उठाया गया! कागजी कार्यवाही में कोटा पूर्ति करके सिर्फ महिला को थाने कचहरी और कोर्ट तक भगाया गया अब प्रश्न यह उठता है कि जब एक व्यक्ति कई सालों तक उक्त महिला के साथ रह रहा था तो ऐसे में उस महिला के ऊपर पड़ने वाले खर्च का भार कौन उठाएगा और किस के भरोशे न्याय के नियत दर-दर भटकेगी! बात करने पर सिपाही रवि प्रताप की दूसरी पत्नी ने बताया कि सिपाही रवि प्रताप के रिश्तेदारों के द्वारा उसे जान से मारने की धमकी भी मिल रही है और तरह-तरह के कूट रचित योजनाओं सेवा किसी भी तरीके से मामले को सुलह के रास्ते पर ले जाना चाहता है! उक्त प्रकरण में जो कि मामला गिरफ्तारी का है कि बावजूद कानून व्यवस्था को ही इस्तेमाल कर उक्त सिपाही इस मामले से निकल अपनी रोटी सेक दूसरी महिला के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहा है! जहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मिशन शक्ति अभियान के तहत महिलाओं की सुरक्षा और उनके जीवन को मजबूत रखने के लिए तरह-तरह के कानून बना रहे हैं वहीं ऐसे भ्रष्ट और अयाश कानून के रखवाले सारे कानून को तोड़ सरकार की मंशा पर पानी फिरने का काम कर रहे हैं!(साक्ष्य मौजूद)

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