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लखनऊ विश्वविद्यालय में आंतरिक तौर पर विकसित लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम SLATE के तहत एमओयू पर हुए हस्ताक्षर

मई 2021 में लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय को उत्तर प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा था। कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात कुलपति ने लखनऊ विश्वविद्यालय में किए गए उनके डिजिटल पहलों की भांति संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय को भी डिजिटल एंपावर करने की दिशा में कई कदम उठाए थे। उन्हीं कदमों में से एक था संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय को लखनऊ विश्वविद्यालय की आंतरिक तौर पर विकसित लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम SLATE की भेंट। SLATE, अर्थात स्ट्रैटेजिक लर्निंग एप्लीकेशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग एजुकेशन लखनऊ विश्वविद्यालय का निजी लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम है जो कि एक ऐसा डिजिटल प्लेटफॉर्म है जहां विश्वविद्यालय के शिक्षक ना केवल क्लास पढ़ा सकते हैं बल्कि अटेंडेंस लेने से असाइनमेंट जमा करने तक सभी काम कर सकते हैं।

संस्कृत विश्वविद्यालय का कार्यभार ग्रहण करने के तुरंत बाद प्रो राय द्वारा वहां स्लेट जैसे नवोन्मेष ई डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल शुरू करने के विषय में विचार का रोपण कर दिया गया था, जिसके फलस्वरूप आज दिनांक 20 जुलाई 2021 को लखनऊ विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति आलोक कुमार राय और संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के नए कुलपति माननीय प्रोफेसर हरे राम त्रिपाठी के बीच लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम स्लेट को लेकर एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन अर्थात मेमोरेंडम आफ अंडरस्टैंडिंग में हस्ताक्षर किए गए।

उक्त एमओयू के मुताबिक संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय को लखनऊ विश्वविद्यालय की तरफ से लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम स्लेट का सॉफ्टवेयर दिया जाएगा और साथ ही इसका सही उपयोग करने के लिए तकनीकी सहयोग भी उपलब्ध कराया जाएगा। स्लेट के लोकार्पण के समय प्रोफेसर आलोक कुमार राय का यह कहना था कि यह लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम ना केवल विश्वविद्यालय के लिए एक अल्टरनेटिव इनकम का जरिया बन सकती है बल्कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के वोकल फॉर लोकल आह्वान के भी अनुरूप है क्योंकि यह पूरी तरह से लखनऊ विश्वविद्यालय में विकसित की गई है और आगे चलकर प्रदेश के दूसरे विश्वविद्यालयों को भी डिजिटली सशक्त करने की क्षमता रखती है। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से हुए आज के समझौता ज्ञापन से यह स्पष्ट होता है कि कुलपति प्रोफ़ेसर राय द्वारा कही गई यह कथन SLATE के संदर्भ में सही रहा।

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