लखनऊः लखनऊ में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हमारी मांग है कि केंद्र सरकार बिना किसी शर्त के तीनों कृषि कानून वापस ले ले लेकिन सरकार नहीं मान रही है इसलिए हम मिशन यूपी व उत्तराखंड शुरू कर रहे हैंl
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि केंद्र सरकार पर कृषि कानूनों को वापस लेने का दबाव बनाने के लिए दिल्ली की तरह लखनऊ के चारों तरफ किसान डेरा डालेंगे। इसके साथ ही उन्होंने मिशन यूपी व उत्तराखंड का एलान किया है। जिसके तहत गांव-गांव जाकर भाजपा व उसके सहयोगी दलों के नेताओं का बहिष्कार करेंगे। इसके लिए यात्रा और रैलियां की जाएंगी। उन्होंने कहा कि यूपी के मुजफ्फरनगर में पांच सितंबर को बड़ी पंचायत का आयोजन किया जाएगा।
राकेश टिकैत ने कहा कि हमारा युवा ‘थ्री टी’ पर काम करता है। इसका मतलब है कि जब वह फौज में जाता है तो वहां टैंक चलाता है। जब गांव में आता है तो खेती करते हुए ट्रैक्टर चलाता है और जब खाली होता है तो ट्विटर चलाता है।
उन्होंने कहा कि यूपी में बिजली सबसे महंगी हो गई है। महंगाई से किसानों की कमर टूट गई है। पूरे प्रदेश में आवारा पशुओं की समस्या से किसान त्रस्त है। गौशाला के नाम पर शोषण और भ्रष्टाचार हो रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी मंडल मुख्यालयों पर महापंचायत का आंदोलन होगा। पंजाब और हरियाणा की तरह उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भी हर गांव किसान आंदोलन का दुर्ग बनेगा।
टिकैत ने आरोप लगाए कि गेहूं की खरीद में घोटाला हुआ है जल्दी ही हम इसका खुलासा करेंगे। उन्होंने कहा कि किसानों से 1200, 1400 रूपए प्रति कुंतल की दर से गेहूं लिया गया और इसे खरीदकर व्यापारियों ने एमएसपी पर सरकारी केंद्रों पर बेच दिया है। इसके सारे दस्तावेज हमने जुटा लिए हैं।