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हरिद्वार: आयुर्वेद के क्षेत्र में कार्य करने वाली पतंजलि के नाम एक और उपलब्धि, विश्व के अग्रणी वैज्ञानिकों की सूची में शामिल हुए आचार्य बालकृष्ण

हरिद्वार: उपचार के प्राचीन तरीके सकारात्मक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने, बीमारी को रोकने और मौजूद बीमारी के प्रबंधन में तेजी से स्वीकृति प्राप्त कर रहे हैं। पतंजलि योगपीठ की स्थापना स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने की थी। ट्रस्ट का उद्देश्य स्वास्थ्य संवर्धन और उपचार के तरीकों के रूप में योग और आयुर्वेद के प्रचार को बढ़ाना है।

इस बीच यूएसए की विश्वविख्यात स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी एवं यूरोपियन पब्लिशर्स एल्सेवियर द्वारा जारी विश्व के अग्रणी वैज्ञानिकों की सूची में पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण को शामिल किया गया है, जिससे न केवल पतंजलि अपितु आयुर्वेद व योग के प्रति निष्ठा रखने वाले वैज्ञानिक व अनुसंधानकर्ता सभी गौरवान्वित अनुभव कर रहे हैं। इससे पहले यूएनओ की संस्था (यूएनएसडीजी) द्वारा भी आचार्य बालकृष्ण को सम्मानित किया गया था।

योग गुरु स्वामी रामदेव ने कहा कि आचार्य बालकृष्ण ने विश्व के अग्रणी और ख्याति प्राप्त वैज्ञानिकों में स्थान प्राप्त कर बॉटनी बेस्ड मेडिसिन सिस्टम, योग, आयुर्वेद चिकित्सा और चिकित्सा के परिणामों को वैश्विक स्तर पर गौरवान्वित किया है।
स्वामी रामदेव ने कहा कि आयुर्वेद के क्षेत्र में कार्य करने वाली पतंजलि पहली ऐसी संस्था है जिसके पास मान्यता प्राप्त विश्वस्तरीय अनुसंधान प्रयोगशालाएं हैं। आचार्य बालकृष्ण के नेतृत्व में संचालित पतंजलि अनुसंधान संस्थान के अंतर्गत अनेकों आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों पर वृहद् स्तर पर अनुसंधान कर विभिन्न विश्व प्रसिद्ध रिसर्च जर्नल्स में प्रमुखता से प्रकाशित किया गया है।

स्वामी रामदेव ने कहा कि आचार्य बालकृष्ण ने सैकड़ों ग्रंथों, वनस्पति आधारित पुस्तकों, पांडुलिपी आधारित पुस्तकों की रचना कर अद्वितीय कार्य किया है। योग-आयुर्वेद में ही 80 भाषाओं में रिसर्च बेस्ड पब्लिकेशंस हैं। पतंजलि में करीब 500 वैज्ञानिक निरंतर शोधकार्य में लगे हैं।

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