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इसरो का मिशन 2022: साल के पहले मिशन की लॉन्चिंग सफल, आज सुबह ठीक 06:17 बजे दो इओएस-04 के साथ भरा उड़ान

इसरो का मिशन 2022: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो का इस वर्ष का पहला प्रक्षेपण 14 फरवरी को किया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(ISRO) के 2022 के पहले मिशन की उल्टी गिनती शुरू की गयी थी। 14 फरवरी को सुबह 06:17 बजे मिशन पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV-C52) का सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपण होगा।

यह पीएसएलवी की 54वीं उड़ान है और 6 पीएसओएस-एक्सएल (स्ट्रैप-ऑन मोटर्स) के साथ पीएसएलवी-एक्सएल कॉन्फिगरेशन का इस्तेमाल करते हुए 23वां मिशन है। इसरो ने बताया कि भारत के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान पीएसएलवी-सी52 ने आज सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से 06:17 बजे पृथ्वी अवलोकन उपग्रह ईओएस-04 को 529 किमी ऊंचाई पर की एक इच्छित सूर्य-तुल्यकालिक ध्रुवीय कक्षा में इंजेक्ट किया।

25:30 घंटे की उल्टी गिनती के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने इस साल के पहले प्रक्षेपण मिशन को सोमवार को लॉन्च कर दिया। सोमवार तड़के जैसे ही सुबह के 5:59 मिनट हुए, इसरो ने सैटेलाइट ईओएस-04 का प्रक्षेपण किया। यह प्रक्षेपण आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पीएसएलवी-सी52 के जरिये हुआ। इसके साथ ही दो अन्य छोटे सैटेलाइट भी अंतरिक्ष में भेजे गए हैं। इस मिशन की सफलतापूर्वक प्रक्षेपण के बाद सभी ने ताली बजाकर इसका स्वागत भी किया।

इस मिशन के तहत रडार इमेजिंग EOS-04 को अंतरिक्ष में भेजा गया है। 1,710 किलो वजनी ईओएस-04, अंतरिक्ष में 529 किलोमीटर के सूर्य समकालिक ध्रुवीय कक्षा में चक्कर लगाएगा। इसरो ने बताया कि ईओएस-04 राडार इमेजिंग सैटेलाइट है। इसका इस्तेमाल पृथ्वी की उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीरें लेने में होगा। इनसे कृषि, वानिकी, पौधरोपण, मिट्टी में नमी, पानी उपलब्धता और बाढ़ ग्रस्त इलाकों के नक्शा को तैयार करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा दो अन्य सैटेलाइट को भी अंतरिक्ष में भेजा गया है।

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