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भोपाल: भोपाल में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा- सीएए, राममंदिर, धारा 370 के बाद अब कॉमन सिविल कोड की बारी, जानिये क्या है कॉमन सिविल कोड 

भोपाल: भाजपा के प्रमुख वादों में से एक कॉमन सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) को केंद्र सरकार देश में लागू करने की तैयारी में है। भोपाल में भाजपा के प्रदेश कार्यालय में पार्टी के नेताओं को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह के बयान ने इस पर चर्चा शुरू कर दी है। शाह ने कहा कि हमारी पार्टी की केंद्र सरकार ने धारा 370, राम जन्मभूमि, तीन तलाक और नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) जैसे अधिकांश मुद्दों को हल कर दिया है। कॉमन सिविल कोड जैसे जो कुछ बचे हैं, उन्हें भी आने वाले वर्षों में हल कर दिया जाएगा।

गृहमंत्री ने मध्य प्रदेश से जुड़े केंद्रीय मंत्रियों, राष्ट्रीय पदाधिकारियों और अन्य नेताओं की मौजूदगी में कहा कि कॉमन सिविल कोड का प्रयोग उत्तराखंड में किया जाएगा। वहां, इसे अमल में लाने के बाद हालात का जायजा लेंगे और फिर पूरे देश में इसे लागू किया जाएगा। यह 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले करने की कोशिश की जा रही है।

क्योंकि राम मंदिर, धारा 370 और कॉमन सिविल कोड भाजपा के तीन मुख्य मुद्दे रहे हैं। राम मंदिर बनाने और धारा 370 को हटाने के मुद्दे हल चुके हैं। ऐसे में कॉमन सिविल कोड ही एकमात्र ऐसा मुद्दा है, जो भाजपा के चुनाव घोषणा पत्र में लंबित है। इसे लागू करने का दबाव संघ भी बना रहा है। हालांकि, अलग-अलग धर्मों के विरोध के चलते राजनीतिक पार्टियां इस पर कुछ करने से बचती रही है। सुप्रीम कोर्ट भी कई मामलों में देश में कॉमन सिविल कोड की जरूरत बता चुका है।

कॉमन सिविल कोड यानी सभी नागरिकों के लिए एक ही कानून। इस समय भारत में शादी, तलाक, दत्तक और संपत्तियों के उत्तराधिकार को लेकर अलग-अलग धर्मों के पर्सनल लॉ लागू है। इसे एकरूपता देते हुए सभी नागरिकों के लिए समान कानून की बात यह कोड करता है। संविधान में भी इसे लागू करने की बात कही गई है।

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