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राजनीति: जयंत की पार्टी एनडीए का होगी हिस्सा, हों सकती हैं नीतीश के बाद इंडिया गठबंधन की दूसरी बड़ी टूट

लोकसभा चुनाव: लोकसभा चुनाव के लिए जयंत चौधरी की पार्टी राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के एनडीए में शामिल होने की चर्चा जोरो पर हैं। चौधरी चरण सिंह के पोते होने के नाते जयंत उत्तर भारत के जाट समाज में एक बड़े चेहरे के रूप में देखे जाते हैं। जयंत चौधरी की पार्टी राष्ट्रीय लोकदल एनडीए का हिस्सा होगी। इसकी बस औपचारिक घोषणा होनी बाकी है। इस गठबंधन का लाभ बीजेपी को मिलेगा। सूत्रों का कहना है कि रालोद को भाजपा से गठबंधन के बाद जयंत को मोदी सरकार में जबकि एक विधायक को योगी सरकार में मंत्री बनाया जा सकता है। लोकसभा चुनाव में मुजफ्फरनगर, बागपत व बिजनौर में से कोई दो सीटें गठबंधन में दी जा सकती हैं। आगामी राज्यसभा चुनाव में भी रालोद को एक सीट मिल सकती है।

राजस्थान मे भाजपा के पास बड़े जाट चेहरे का अभाव है। हरियाणा में भी पार्टी के पास मजबूत जाट नेता का अभाव है। पार्टी लोकसभा चुनाव में जयंत को केवल यूपी ही नहीं अन्य राज्यों में भी सघन चुनावी दौरा कराएगी। पश्चिमी यूपी में जाटों की आबादी करीब 50 लाख है। जाट मतदाता लोकसभा की दस और विधानसभा की 40 सीटों को प्रभावित करते हैं। रालोद से गठबंधन होने के बाद अब पश्चिमी यूपी की मथुरा, मुजफ्फरनगर, बागपत, आगरा, सहित अन्य सीटों पर जाट वोट बंटने का खतरा नहीं रहेगा।

भाजपा बिहार में नीतीश कुमार से गठबंधन के बाद आरजेडी व कांग्रेस सहित इंडिया गठबंधन को झटका दिया गया। रालोद को एनडीए में शामिल करने की पहल कर सपा को करारा झटका देने की योजना है। विश्लेषकों के मुताबिक 2014 और 2019 के चुनाव में एनडीए से बाहर रहने के बाद रालोद का यूपी में खाता तक नहीं खुला। रामलहर के माहौल में 2024 में भी भाजपा के लिए राह ज्यादा मुश्किल नहीं थी, लेकिन भाजपा ने मिशन 400 पार के लक्ष्य में माहौल सृजन और इंडिया गठबंधन को कमजोर करने के लिए रालोद की कई शर्तें मानते हुए गठबंधन की पहल कर दी। भाजपा नेतृत्व के लिए रालोद से गठबंधन तो एक बहाना है। उनका असली निशाना इंडिया गठबंधन है।

लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की घोषणा कर भाजपा व राष्ट्रीय लोकदल के गठबंधन की पटकथा लिख दी है। दादाजी को भारत रत्न मिलने की घोषणा के बाद जयंत चौधरी ने भी दिल जीत लिया… के संदेश के साथ एनडीए गठबंधन का एलान कर दिया। रालोद के एनडीए में शामिल होने से भाजपा यूपी में ही नहीं बल्कि पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में भी बढ़त की उम्मीद कर सकती है।

लोकसभा चुनाव 2009 में यूपीए की लहर में भी यूपी में भाजपा व रालोद के गठबंधन ने कमाल दिखाया था। भाजपा ने रालोद के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था। रालोद को गठबंधन में सात सीटें मिलीं थीं। इसमें उसने पांच जीती थी। भाजपा को 10 सीटें मिली थीं। लेकिन बाद में रालोद ने एनडीए से अलग होकर यूपीए का समर्थन किया। इसके बाद दोनों की राहें जुदा हो गईं। करीब 15 वर्ष बाद दोनों फिर एक साथ आते नजर आ रहे हैं।

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