Uttar Pradesh

यूपी: पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में अखिलेश की मांग-गुजराती कंपनी के खिलाफ हुई FIR सार्वजनिक करे सरकार

पुलिस भर्ती पेपर लीक: उत्तर प्रदेश सरकार ने यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में बड़ा एक्शन लिया है। यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2024 कराने वाली अहमदाबाद की कंपनी एजुटेस्ट कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है। इधर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर तंज कसते हुए पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर लीक और गुजरात की कंपनी से इसके कनेक्शन को लेकर सवाल उठाए हैं।

उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि ‘भाजपाइयों’ की है यही पहचान, झूठों को काम, झूठों को सलाम। आगे उन्होंने कहा कि ये आरोप बेहद गंभीर हैं कि पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर आयोजित करवाने वाली गुजरात की कंपनी का ही, पेपर लीक करवाने में हाथ है और उसका मालिक जब सफलतापूर्वक विदेश भाग गया, उसके बाद ही उत्तर प्रदेश सरकार ने उसके बारे में जनता को बताया और जनता के गुस्से से बचने के लिए दिखाने भर के लिए उस कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर दिया।

यूपी सरकार उस कंपनी और उसके मालिक के खिलाफ एफआईआर की कॉपी सार्वजनिक करे। गुजरात भेजकर उसकी संपत्ति से खामियाजा वसूलने की हिम्मत दिखाए। ऐसे आपराधिक लोग यूपी के 60 लाख युवाओं के भविष्य को बर्बाद करने के दोषी हैं। यूपी की भाजपा सरकार साबित करे कि वो इन अपराधियों के साथ है या प्रदेश की जनता के साथ।

यूपी में काम करनेवाली हर कंपनी के इतिहास और उसकी सत्यनिष्ठा-गुणवत्ता की जांच की जाए। आरोप लगाते हुए कहा कि जब बेईमान और कलंकित कंपनियों को काम दिया जाए तो जनता को समझ लेना चाहिए कि इसमें काम देने वाले यूपी सरकार के उस मंत्रालय और उसके विभाग के लोगों की भी हिस्सेदारी है मतलब ‘ये भ्रष्टाचार की साझेदारी’ है। इस परीक्षा के आयोजन से संबंधित कंपनी ही नहीं बल्कि हर एक संलिप्त मंत्री या अधिकारी की भी जांच हो और जब तक जांच पूरी न हो जाए, तब तक उसे उसके काम से मुक्त रखा जाए और संलिप्तता सिद्ध होने पर बर्खास्त करके कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाए।

यूपी के आक्रोशित युवा पूछ रहे हैं कि यूपी के बुलडोजर के पास बाहर के राज्यों में जाने का लाइसेंस और साहस है क्या? और ये भी कि जिस मंत्रालय के तहत पुलिस भर्ती परीक्षा हुई थी उसके मंत्री और अधिकारियों की तरफ बुलडोजर मुड़ता भी है या नहीं। यूपी की जनता ये भी याद रखे कि ये वो ही भाजपा सरकार है, जो कल तक ठेके पर पुलिस रखने का फरमान निकाल रही थी। घोर निंदनीय!  विभिन्न परीक्षाओं का पेपर लीक होना, सरकार की सत्यनिष्ठा पर सवालिया निशान है।

हम मांग करते हैं कि यूपी में काम कर रही या काम करने की इच्छुक हर बाहरी कंपनी की गहन जांच हो और सब कुछ सही पाये जाने पर ही काम दिया जाए। ऐसा नहीं करने पर जब काम गलत होता है तो उससे यूपी की छवि को ठेस पहुंचती है और प्रदेश के पैसों की बर्बादी भी होती है। इन सबका ख़ामियाजा आखिर में आम जनता को ही भुगतना पड़ता है। साथ ही ये भी मांग है कि उप्र की कंपनियों को प्राथमिकता दी जाए और केवल तभी बाहरी कंपनियों को काम दिया जाए।

आपको बता दें कि पेपर लीक होने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे 6 महीने के भीतर दोबारा कराने का आदेश दिया था।

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