कोवाक्सिन: कोवाक्सिन की खोज करने के बाद आईसीएमआर ने भारत बायोटेक के साथ उत्पादन और आपूर्ति को लेकर करार किया था। आईसीएमआर को कुल पांच फीसदी रॉयल्टी देने का समझौता हुआ था। कोरोना की देसी वैक्सीन से आईसीएमआर की 136 करोड़ रुपये की अब तक कमाई हुई है।
राज्यसभा में केंद्रीय राज्य स्वास्थ्य मंत्री डॉ. भारती पवार ने बताया कि कोवाक्सिन पर महज 35 करोड़ रुपये आईसीएमआर ने खर्च किए हैं, जबकि बीते जनवरी माह तक कंपनी की ओर से 171.76 करोड़ रुपये रॉयल्टी के रूप में मिले हैं। वहीं आईसीएमआर के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि कोवाक्सिन से मिलने वाली रॉयल्टी का इस्तेमाल विभिन्न शोध-अनुसंधान में किया जा रहा है। दुनिया के 50 से भी अधिक देशों में दो खुराक वाली इस वैक्सीन को दिया जा रहा है।
कोरोना संक्रमण में 18 दिनों में करीब 81 फीसदी की गिरावट आई है। हालांकि केरल में अभी भी 20 हजार से ज्यादा लोग एक दिन में संक्रमित मिले हैं। देश में कोरोना की तीसरी लहर का पीक आने के बाद संक्रमण घट रहा है लेकिन मौत में लगातार इजाफा हो रहा है।
