यूपी: केंद्र सरकार ने दवा कंपनियों को दिया आदेश, अब दवाओं के पत्ते पर क्यूआर कोड होगा अनिवार्य, स्कैन करते ही मिलेगी पूरी जानकारी

गोरखपुर: केंद्र सरकार ने दवा कंपनियों को आदेश दिया है कि अब दवाओं के पैक और स्ट्रिप (पत्ते) पर क्विक रिस्पांस (क्यूआर) कोड होगा। इसके बिना कोई भी दवाएं बाजार में नहीं बेची जा सकेंगी। क्यूआर कोड स्कैन करते ही कंपनी का नाम, बैच नंबर, लाइसेंस नंबर, पता सहित सभी जानकारियां मिल सकेंगी। इस सुविधा के बाद से नकली और मिलावटी दवाओं के कारोबार पर अंकुश लग जाएगा। साथ ही सही दवाएं मरीजों को मिल सकेंगी।

जानकारी के मुताबिक, बाजार में बड़ी मात्रा में नकली और अधोमानक दवाएं बेचने की शिकायत लगातार मिलती रहती हैं। पिछले दिनों महराजगंज में बड़े पैमाने पर इसकी बड़ी खेप भी पकड़ी गई थी। इसके अलावा जौनपुर में भी भारी मात्रा में नकली दवाएं बरामद की गई थीं। इस पर अंकुश लग सके, इसके लिए केंद्र सरकार ने सभी दवा कंपनियों के पत्ते पर क्यूआर कोड जारी करने का आदेश दिया है।

ड्रग इंस्पेक्टर जय सिंह ने कहा कि दवाओं के पैक और स्ट्रिप पर क्यूआर कोड होने से नकली दवाओं का कारोबार बंद हो जाएगा। जनवरी 2023 के बाद बिना क्यूआर कोड के दवाएं बाजार में नहीं बिक सकेंगी। दवा विक्रेता समिति के महामंत्री आलोक चौरसिया ने कहा कि केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद से नकली दवाओं के कारोबार पर पूरी तरह से अंकुश लग जाएगा। समिति इसकी मांग काफी दिनों से कर रही थी। अब लोगों को असली दवाएं बाजार में मिल सकेंगी।

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