Uttar Pradesh

ज्ञानवापी मामला : वाराणसी की जिला अदालत में आज आ सकता है ज्ञानवापी मामले में फैसला, कल कोर्ट ने फैसला रख लिया था सुरक्षित

ज्ञानवापी मामला : वाराणसी की जिला अदालत में  ज्ञानवापी परिसर स्थित मां श्रृंगार गौरी पूजा समेत 7 मांगों पर सुनवाई सोमवार को पूरी हो गई हैl दोनों तरफ की दलीलें सुनकर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है, यह फैसला आज यानी मंगलवार दोपहर 2 बजे आएगा l अदालत फैसला सुनाएगी कि ज्ञानवापी मामले से जुड़ी किस याचिका पर पहले सुनवाई होगी। ज्ञानवापी परिसर विवाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेस की अदालत में तकरीबन 45 मिनट तक दोनों पक्षों की बहस और दलीलें सुनने के बाद सोमवार को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

साथ ही वादी पक्ष, डीजीसी सिविल के प्रार्थना पत्र, अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की आपत्ति पर सुनवाई की गई। जिला जज ने सुनवाई के बाद पत्रावली सुरक्षित रखी है। वाद की पोषणीयता पर मंगलवार को जिला जज का आदेश आएगा। मुकदमे की सुनवाई के दौरान पूरे कचहरी परिसर में सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था रही।

अदालत कक्ष में वादी-प्रतिवादी के पक्षकारों और उनके अधिवक्ताओं को छोड़ किसी अन्य के जाने पर दोपहर दो बजे से रोक लगा दी गई। कुल 23 लोग अदालत में गए। कार्यवाही शुरू होते ही अंजुमन इंतेजामिया ने कहा कि पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में यह तय होना चाहिए कि राखी सिंह समेत पांच अन्य बनाम स्टेट ऑफ यूपी का वाद सुनवाई योग्य पोषणीय है या नहीं।

वहीं वादी पक्ष के अधिवक्ता विष्णु जैन ने कहा कि कमीशन कार्यवाही वीडियो, फोटोग्राफ इस वाद से जुड़े साक्ष्य हैं। उसकी वीडियो व फोटोग्राफ की पहले नकल दी जाए, फिर दोनों पक्षों से आपत्ति आने के बाद तय हो कि वाद पोषणीय है या नहीं। उन्होंने कहा कि यहां विशेष उपासना स्थल कानून लागू नहीं होता है। साथ ही उन्होंने वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन की बीमारी का हवाला देते हुए एक सप्ताह का समय मांगा।

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उत्तर प्रदेश पुलिस का सिपाही मिशन शक्ति जैसे अभियान को दिखा रहा ठेंगा!दो बीवियों के बीच फसा उत्तर प्रदेश पुलिस का सिपाही,एक बीवी घर तो दूसरी को ले तैनाती क्षेत्र में रह रहा था! घर वालों को पता चलने पर दूसरी को छोड़ा तो दूसरी बीवी ने किया मुकदमा!उत्तर प्रदेश में कानून का रखवाला ही कानून की धज्जियां उड़ा रहा,शादीशुदा होने के बावजूद कई सालों से दूसरी महिला को पत्नी बनाकर साथ में रह रहा था! बताते चलें कि देवरिया जिले का सिपाही ना०पु०062620433 रवि प्रताप जो पहले से शादीशुदा था महाराजगंज में तैनाती के दौरान महाराजगंज की एक महिला को भी अपनी पत्नी बनाकर साथ में रखा हुआ था! कई सालों तक साथ में रहने के बाद जब घर वालों को पता चला तो वह दूसरी बीवी को छोड़कर भागने के फिराक में लग गया! लेकिन दूसरी बीवी उसे भागता देख जिले के ही पुलिस अधीक्षक के पास शिकायत लेकर पहुंची और सिपाही रवि प्रताप के खिलाफ 376,और 493/506, समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है! अब सवाल यह उठ रहा है कि ऐसी धाराओं में मुकदमा दर्ज होने के बाद भी सिपाही रवि प्रताप निश्चिंत होकर अपनी ड्यूटी गोंडा जिले के जीआरपी में कर रहा है और कानून के बीच के बीच फसाकर दूसरी बीवी को प्रताड़ित कर रहा है!आपको बताते चलें कि महाराजगंज जिले में यह मामला काफी चर्चा में रहा है लेकिन विभागीय होने के नाते पुलिस विभाग के द्वारा भी आज तक ना तो सिपाही रवि प्रताप को गिरफ्तार किया गया ना ही उसकी दूसरी पत्नी के लिए न्याय संगत कोई कदम उठाया गया! कागजी कार्यवाही में कोटा पूर्ति करके सिर्फ महिला को थाने कचहरी और कोर्ट तक भगाया गया अब प्रश्न यह उठता है कि जब एक व्यक्ति कई सालों तक उक्त महिला के साथ रह रहा था तो ऐसे में उस महिला के ऊपर पड़ने वाले खर्च का भार कौन उठाएगा और किस के भरोशे न्याय के नियत दर-दर भटकेगी! बात करने पर सिपाही रवि प्रताप की दूसरी पत्नी ने बताया कि सिपाही रवि प्रताप के रिश्तेदारों के द्वारा उसे जान से मारने की धमकी भी मिल रही है और तरह-तरह के कूट रचित योजनाओं सेवा किसी भी तरीके से मामले को सुलह के रास्ते पर ले जाना चाहता है! उक्त प्रकरण में जो कि मामला गिरफ्तारी का है कि बावजूद कानून व्यवस्था को ही इस्तेमाल कर उक्त सिपाही इस मामले से निकल अपनी रोटी सेक दूसरी महिला के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहा है! जहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मिशन शक्ति अभियान के तहत महिलाओं की सुरक्षा और उनके जीवन को मजबूत रखने के लिए तरह-तरह के कानून बना रहे हैं वहीं ऐसे भ्रष्ट और अयाश कानून के रखवाले सारे कानून को तोड़ सरकार की मंशा पर पानी फिरने का काम कर रहे हैं!(साक्ष्य मौजूद)

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