मंकीपॉक्स: दुनियाभर में कोरोना वायरस के अलावा और दूसरे संक्रमण भी तेजी से फैलने लगे हैं, पूरी दुनिया में मंकीपॉक्स वायरस का संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है। अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एक ताजा आंकड़ा पेश किया है जो कि डराने वाला है। डब्ल्यूएचओ के आंकड़े के अनुसार बीते 20 दिनों में 27 देशों में इसका संक्रमण फैल चुका है।
वहीं इसने अब तक 780 लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है। सबसे अधिक चिंता की बात यह है कि इस वायरस ने अब लोगों की जान भी लेने लगा है। कांगो में इस साल जहां मंकीपॉक्स से नौ लोगों की मौत हो गई, वहीं नाइजीरिया में पहली मौत दर्ज की गई है। इस खतरनाक वायरस के बढ़ते खतरे के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी 31 मई को गाइडलाइन जारी की थी।
बता दें कि भारत में अभी तक इस बीमारी का एक भी मामला सामने नहीं आया है। फिर भी भारत सरकार एहतियात बरत रही है। मंत्रालय ने गाइडलाइन में कहा है कि मंकीपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति की 21 दिनों तक निगरानी की जाएगी। गाइडलाइन में ये भी कहा गया है कि संक्रामक अवधि के दौरान किसी रोगी या उनकी दूषित सामग्री के साथ अंतिम संपर्क में आने के बाद 21 दिनों की अवधि के लिए हर रोज निगरानी की जानी चाहिए।
स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन के मुताबिक, अगर किसी में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखते हैं तो लैब में टेस्टिंग के बाद ही मंकीपॉक्स के मामले को कंफर्म माना जाएगा। गाइडलाइन में ये भी कहा गया है कि मंकीपॉक्स के लिए पीसीआर या डीएनए टेस्टिंग ही मान्य होगी। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक मंकीपॉक्स नामक वायरस के कारण यह संक्रमण होता है। यह वायरस ऑर्थोपॉक्सवायरस समूह से संबंधित है। इस समूह के अन्य सदस्य मनुष्यों में चेचक और काउपॉक्स जैसे संक्रमण का कारण बनते हैं।
