India

BREAKING NEWS : प्रदूषण मुक्त सफर की मुहिम, जर्मनी और पोलैंड के बाद अब भारत में भी हाइड्रोजन से चलेगी ट्रेन

हरित परिवहन : रेलवे प्रदूषण मुक्त सफर कराने की मुहिम में जुटा है। पूरे ट्रैक को विद्युतीकृत करने के साथ अब हाइड्रोजन फ्यूल से भी ट्रेन चलाने की कवायद तेज हो गई है। जीवाश्म ईंधन पर से निर्भरता खत्म करने के लिए डीजल इंजन को भी पटरियों से हटाया जा रहा है। यहां तक कि ट्रेन से डीजल जेनरेटर सेट को भी हटा कर सीधा ओवर हेड वॉयर सिस्टम से जोड़ा जा रहा है।

इसी कड़ी में रेलवे ने हाइड्रोजन ईंधन तकनीक से ट्रेन चलाने की योजना बनाई है। मकसद खुद को ग्रीन ट्रांसपोर्ट सिस्टम के रूप में तबदील करना है। यह योजना नेशनल हाइड्रोजन एनर्जी मिशन के तहत बनाई है। लक्ष्य 2030 तक भारत में रेलवे को कार्बन उत्सर्जन से मुक्त करना है। शुरुआत में 2 डेमू रैक को हाइड्रो इंजन में बदला जाएगा। बाद में 2 हाइब्रिड नैरो गेज इंजन को हाइड्रोजन फ्यूल सेल पावर मूवमेंट आधारित सिस्टम में बदलने की योजना है। भारत में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर ऐसी बैटरी 10 डिब्बों वाली डेमू ट्रेन में लगाई जाएगी। इस तरह की बैटरी 1600 हार्स पॉवर की क्षमता के साथ ट्रेन को खींचेगी।

अब ट्रैक पर सीएनजी ही नहीं, हाइड्रोजन ईंधन से भी ट्रेनें चलेंगी। ग्रीन ट्रांसपोर्ट सिस्टम (हरित परिवहन व्यवस्था) के क्षेत्र में रेलवे ने बड़ी कामयाबी हासिल की है। अभी तक जर्मनी व पोलैंड में ही इस तकनीक से ट्रेन चलती है। जल्द ही भारत में भी इसकी शुरुआत होगी। खास बात यह है कि रेलवे अपने डीजल इंजन को ही रेट्रोफिटिंग करके हाइड्रोजन फ्यूल आधारित तकनीक विकसित की है।

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि ट्रैक पर ट्रायल सफल रहा तो डीजल इंजन को हाइड्रो इंजन में बदला जाएगा। हाइड्रोजन फ्यूल ग्रीन एनर्जी में सबसे अच्छा है। पानी को सोलर एनर्जी से विद्युत अपघटन कर के एनर्जी को पैदा किया जाएगा। हाइड्रोजन फ्यूल सेल आधारित डेमू रेक के लिए बोलियां 21 सितंबर से शुरू होंगी और 5 अक्टूबर तक चलेगी। इसके लिए 17 अगस्त को 11:30 बजे एक प्री-बिड कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जाएगा। इस तरह के एक इंजन से रेलवे को सालाना करीब ढाई करोड़ रुपये की बचत भी होगी। साथ ही कार्बन उत्सर्जन भी नहीं होने से प्रदूषण की समस्या नहीं होगी।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

Uncategorized

उत्तर प्रदेश पुलिस का सिपाही मिशन शक्ति जैसे अभियान को दिखा रहा ठेंगा!दो बीवियों के बीच फसा उत्तर प्रदेश पुलिस का सिपाही,एक बीवी घर तो दूसरी को ले तैनाती क्षेत्र में रह रहा था! घर वालों को पता चलने पर दूसरी को छोड़ा तो दूसरी बीवी ने किया मुकदमा!उत्तर प्रदेश में कानून का रखवाला ही कानून की धज्जियां उड़ा रहा,शादीशुदा होने के बावजूद कई सालों से दूसरी महिला को पत्नी बनाकर साथ में रह रहा था! बताते चलें कि देवरिया जिले का सिपाही ना०पु०062620433 रवि प्रताप जो पहले से शादीशुदा था महाराजगंज में तैनाती के दौरान महाराजगंज की एक महिला को भी अपनी पत्नी बनाकर साथ में रखा हुआ था! कई सालों तक साथ में रहने के बाद जब घर वालों को पता चला तो वह दूसरी बीवी को छोड़कर भागने के फिराक में लग गया! लेकिन दूसरी बीवी उसे भागता देख जिले के ही पुलिस अधीक्षक के पास शिकायत लेकर पहुंची और सिपाही रवि प्रताप के खिलाफ 376,और 493/506, समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है! अब सवाल यह उठ रहा है कि ऐसी धाराओं में मुकदमा दर्ज होने के बाद भी सिपाही रवि प्रताप निश्चिंत होकर अपनी ड्यूटी गोंडा जिले के जीआरपी में कर रहा है और कानून के बीच के बीच फसाकर दूसरी बीवी को प्रताड़ित कर रहा है!आपको बताते चलें कि महाराजगंज जिले में यह मामला काफी चर्चा में रहा है लेकिन विभागीय होने के नाते पुलिस विभाग के द्वारा भी आज तक ना तो सिपाही रवि प्रताप को गिरफ्तार किया गया ना ही उसकी दूसरी पत्नी के लिए न्याय संगत कोई कदम उठाया गया! कागजी कार्यवाही में कोटा पूर्ति करके सिर्फ महिला को थाने कचहरी और कोर्ट तक भगाया गया अब प्रश्न यह उठता है कि जब एक व्यक्ति कई सालों तक उक्त महिला के साथ रह रहा था तो ऐसे में उस महिला के ऊपर पड़ने वाले खर्च का भार कौन उठाएगा और किस के भरोशे न्याय के नियत दर-दर भटकेगी! बात करने पर सिपाही रवि प्रताप की दूसरी पत्नी ने बताया कि सिपाही रवि प्रताप के रिश्तेदारों के द्वारा उसे जान से मारने की धमकी भी मिल रही है और तरह-तरह के कूट रचित योजनाओं सेवा किसी भी तरीके से मामले को सुलह के रास्ते पर ले जाना चाहता है! उक्त प्रकरण में जो कि मामला गिरफ्तारी का है कि बावजूद कानून व्यवस्था को ही इस्तेमाल कर उक्त सिपाही इस मामले से निकल अपनी रोटी सेक दूसरी महिला के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहा है! जहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मिशन शक्ति अभियान के तहत महिलाओं की सुरक्षा और उनके जीवन को मजबूत रखने के लिए तरह-तरह के कानून बना रहे हैं वहीं ऐसे भ्रष्ट और अयाश कानून के रखवाले सारे कानून को तोड़ सरकार की मंशा पर पानी फिरने का काम कर रहे हैं!(साक्ष्य मौजूद)

To Top